रायपुर, 21 अक्टूबर (भाषा) छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र 27 और 28 अक्टूबर को तय किया गया है। इस सत्र में राज्य सरकार केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक पेश कर सकती है।


विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की पंचम विधानसभा का अष्टम सत्र 27 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 28 अक्टूबर तक रहेगा। इस सत्र में कुल दो बैठकें होंगी। इस सत्र में शासकीय कार्य संपादित किए जाएंगे।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार इस सत्र में केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक पेश कर सकती है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों का किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, इसलिए उनकी सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर कानून बनाएगी जिससे केंद्रीय कृषि कानूनों के कारण छत्तीसगढ़ के किसान और मजदूर प्रभावित न हो।

इससे पहले राजभवन को विशेष सत्र की अनुमति से संबंधित फाइल भेजी गयी थी तब राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अनुमति देने से पहले इस सत्र का विषय और सत्र बुलाए जाने का औचित्य पूछा था।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने मंगलवार शाम राजभवन को इस संबंध में जानकारी दे दी थी।

राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने मंगलवार को कहा था हाल ही में संसद द्वारा कृषि क्षेत्र में तीन नए कानून बनाए गए है। उन्होंने कहा था कि इन कृषि कानूनों से छत्तीसगढ़ के किसानों के हित भी प्रभावित होंगे, जिसे देखते हुए यह आवश्यक है कि धान खरीदी के पहले राज्य के किसानों के हितों को सुरक्षित रखने और उनकी आशंकाओं को दूर करने के लिए राज्य विधानसभा के माध्यम से नया कानून बनाया जाए।

चौबे ने कहा था कि राज्य के किसानों के हितों का संवर्धन और संरक्षण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसे दृष्टिगत रखते हुए ही छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 में आवश्यक संशोधन किया जाना है।

इधर राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र सौंपकर राज्य सरकार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने से रोकने की मांग की है।

पत्र में भाजपा नेताओं ने कहा है कि महज़ 58 दिनों के अंतराल में ही राज्य सरकार द्वारा राज्यपाल से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की अनुमति मांगकर मरवाही विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।

भाजपा ने पत्र में कहा है कि राज्य सरकार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने से रोका जाए जिससे मरवाही में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान हो सके। राज्य सरकार को आगामी तीन नवंबर के बाद ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की अनुमति प्रदान की जाए।

मरवाही विधानसभा क्षेत्र के लिए हो रहे उपचुनाव में तीन नवंबर को मतदान होगा।