रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लखीमपुर खीरी में हिंसा के पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना को लेकर कहा है कि उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ हुई घटना को किसी अन्य घटना से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

बघेल ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए चार किसानों और एक प​त्रकार के परिवार के सदस्यों को 50-50 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की थी। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी ऐसी ही घोषणा की थी।

कांग्रेस ने बघेल को उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। कांग्रेस शासित दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पार्टी नेता राहुल गांधी के साथ बुधवार को लखीमपुर खीरी का दौरा किया था।

मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ में भाजपा ने इसे बघेल द्वारा 'सस्ती राजनीति' करना बताया था।

राजधानी रायपुर में बृहस्पतिवार को संवाददाताओं ने जब बघेल से भाजपा के उस आरोप के बारे में पूछा कि उन्हें राज्य में आत्महत्या करने वाले किसानों और सिलगेर गोलीबारी में मारे गए आदिवासियों की चिंता नहीं है, तब मुख्यमंत्री ने कहा कि लखीमपुर त्रासदी एक दिल दहला देने वाली घटना है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (अजय कुमार मिश्रा) के बेटे ने जिस तरह से वहां के किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया, यह उनकी (भाजपा) फासीवादी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस घटना को अन्य घटनाओं से नहीं जोड़ा जा सकता है।

बघेल ने कहा, ‘‘क्या (विपक्ष के नेता) धरमलाल कौशिक और छत्तीसगढ़ के (पूर्व मुख्यमंत्री) रमन सिंह लखीमपुर की घटना की निंदा कर रहे हैं। क्या वह केंद्रीय मंत्री (अजय कुमार मिश्रा) को बर्खास्त करने और कथित तौर पर किसानों को कुचलने वाले उनके बेटे की गिरफ्तारी की मांग करेंगे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा नेता सिलगेर घटना की बात करते हैं। रमन सिंह और उनकी पार्टी के नेता अपने 15 साल के शासन के दौरान नक्सली घटना के बाद प्रभावित लोगों से मिलने कब गए थे। सिलगेर की घटना के बाद हमारी पार्टी के विधायक और नेता वहां गए और वहां लोगों से मिले। क्या रमन सिंह जी ने सिलगेर में प्रभावित परिवारों से बात की है। लेकिन मैंने उनसे डिजिटल रूप से और फोन पर बात की है। मैंने उन्हें यहां बुलाया और उनसे पूछा कि वे क्या चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि वे मुआवजा नहीं लेंगे।’’

बघेल ने कहा कि वह किसी भी घटना को छोटा नहीं बता रहे हैं, लेकिन लखीमपुर हिंसा को अन्य घटनाओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने इस दौरान सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब तक लखीमपुर घटना के संबंध में कोई बयान क्यों नहीं दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब मैं लखनऊ हवाई अड्डे पर (मंगलवार को) धरने पर बैठा था, तब प्रधानमंत्री वहां अमृत महोत्सव में हिस्सा ले रहे थे, लेकिन उन्होंने 'अन्नदाता' और उस घटना पर एक शब्द भी नहीं कहा। वह चुप क्यों हैं।’’

राज्य के कवर्धा शहर में सांप्रदायिक हिंसा की घटना के बाद कर्फ्यू लगाए जाने के संबंध में पूछे जाने पर बघेल ने कहा कि इस तरह की घटना को प्रोत्साहित करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ शांतिप्रिय राज्य है और विभिन्न समुदायों के लोग यहां एक साथ सद्भाव से रहते हैं। ऐसी बातें न तो राज्य की जनता और न ही सरकार बर्दाश्त करेगी। इस तरह की घटना को बढ़ावा देने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’

बघेल बृहस्पतिवार को रायपुर जिले के चंदखुरी गांव में राम वनगमन पर्यटन परिपथ की शुरुआत करने से पहले संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग ‘भगवान राम’ को केवल वोट के लिए याद करते हैं।