इंदौर : सुख-समृद्धि स्वरूपा देवी महालक्ष्मी का शनिवार को घर-घर आह्वान-पूजन होगा। मंगलकारी आयुष्मान-सौभाग्य और स्वाति नक्षत्र की त्रिवेणी में विधि-विधान से पूजन किया जाएगा। ज्योतिर्विद् आचार्य शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि इस बार तिथियों की घट-बढ़ के चलते रूप चतुर्दशी और दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन 14 नवंबर को एक ही दिन होगा।

दीवाली की तिथि और शुभ मुहूर्त

दीवाली / लक्ष्‍मी पूजन की तिथि: 14 नवंबर 2020

अमावस्‍या तिथि प्रारंभ: 14 नवंबर 2020 को दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से

अमावस्‍या तिथि समाप्‍त: 15 नवंबर 2020 को सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक

लक्ष्‍मी पूजा मुहुर्त: 14 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 28 मिनट से शाम 07 बजकर 24 मिनट तक

कुल अवधि: 01 घंटे 56 मिनट।

दीवाली पूजन की सामग्री

लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, लक्ष्मी जी को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, लाल कपड़ा, सप्तधान्य, गुलाल, लौंग, अगरबत्ती, हल्दी, अर्घ्य पात्र, फूलों की माला और खुले फूल, सुपारी, सिंदूर, इत्र, इलायची, कपूर, केसर, सीताफल, कमलगट्टे, कुशा, कुंकु, साबुत धनिया (जिसे धनतेरस पर खरीदा हो), खील-बताशे, गंगाजल, देसी घी, चंदन, चांदी का सिक्का, अक्षत, दही, दीपक, दूध, लौंग लगा पान, दूब घास, गेहूं, धूप बत्ती, मिठाई, पंचमेवा, पंच पल्लव (गूलर, गांव, आम, पाकर और बड़ के पत्ते), तेल, मौली, रूई, पांच यज्ञोपवीत (धागा), रोली, लाल कपड़ा, चीनी, शहद, नारियल और हल्दी की गांठ।