लंबे समय तक तनाव और चिंता रहने के नकारात्मक प्रभाव होते हैं. तनाव हानिकारक स्थितियों के लिए शरीर की प्रतिक्रिया है, चाहे वास्तविक हों या कथित. जब आप खौफजदा महसूस करते हैं,

तब आपके शरीर में रसायनिक प्रतिक्रिया पैदा होती है. तनाव रिस्पॉन्स के दौरान आपके दिल की धड़कन बढ़ जाती है, सांस तेज हो जाती है, मसल्स सख्त हो जाते हैं और ब्लड प्रेशर ऊपर चढ़ जाता है. नयूट्रिशनिस्ट वैभव गर्ग के मुताबिक, कुछ उपाय आपकी समस्या के समाधान में मददगार हो सकते हैं.

 

ओमेगा-3 फैटी एसिड- दिमागी सेहत को बरकरार रखने के लिए महत्वपूर्ण है जिससे आपके विचारों की प्रक्रिया को बहुत प्रभावी तरीके से सुनिश्चित किया जा सके. सामग्रियों में से एक ओमेगा-3 फैटी एसिड स्वस्थ नर्वस तंत्र को बढ़ावा दे सकती है. ये सामग्री न सिर्फ दिमागी सेहत को बढ़ाने में कारगर साबित हुई है बल्कि रिसर्च से भी पता चला है कि लक्षणों से जुड़ी खराबी जैसे अल्जाइमर के खतरे को कम कर सकती है. अपनी रोजाना की डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड को शामिल करने से शारीरिक सतह पर सूजन को कम करने में निश्चित रूप से मददगार हो सकती है और रक्त प्रवाह और आपके दिमाग के लिए पोषण को बढ़ा सकती है.

 

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स- 8 विटामिन्स का ये सेट तनाव जैसे मूड और ऊर्जा लेवल के लक्षणों को होमोसिस्टीन लेवल को ब्लड में घटाकर सुधारने में मददगार साबित हुआ है. इस सप्लीमेंट के रोजाना सेवन के नतीजे में कम कार्य-प्रेरित तनाव के लक्षण होते हैं.

 

एल-थीआनीन- सामान्य तौर पर ग्रीन टी का अर्क जाना जाता है. इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है. इसकी क्षमता किसी भी सिडेटिव जैसा प्रभाव पैदा किए बिना विश्राम को बढ़ावा देने के लिए होता है. कई रिसर्च से खुलासा हुआ है कि एल-थीआनीन में भरपूर ग्रीन टी के सेवन करने वाले लोगों को कम चिंता और याद्दाश्त और ध्यान में सुधार हुआ. एल-थीआनीन के साथ सप्लीमेंट से कोर्टिसोल लेवल कम होने में अश्वगंधा की तरह मदद मिली.

 

अश्वगंधा- ये शक्तिशाली भारतीय जड़ी-बूटी है. तनाव के मुद्दों की तरह शारीरिक मुद्दों का सामना करनेवालों के लिए ये शानदार है. एथलीट सख्त व्यायाम से प्रेरति तनाव को कम करने में इसका इस्तेमाल करते हैं. अश्वगंधा खाने के बाद तनाव के हार्मोन कोर्टिसोल में स्पष्ट कमी लाने में मदद करता है.