शनिवार का दिन शनिदेव का माना गया है। शनि देव न्याय के देवता हैं। लोग शनिदव का नाम सुनकर घबरा जाते हैं, लेकिन वे मनुष्य को कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। जो लोग बुरे कर्म करते हैं वे शनिदेव के प्रकोप के भागी बनते हैं। जो लोग अच्छे कर्म करते हैं उन पर शनिदेव अपनी कृपा दृष्टि करते हैं। जिसपर शनिदेव अपनी कृपा दृष्टि करते हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती है। लेकिन शनिवार के दिन कुछ कार्यों का करना वर्जित माना गया है। इन कामों को करने से कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होती है। आइए जानते हैं शनिवार को कौन से कार्य नहीं करना चाहिए...

शनिवार के दिन घर सरसों का तेल नहीं खरीदना चाहिए। इस दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित किया जाता है। शनिवार के दिन सरसों का तेल दान किया जाता है। 


शनिवार के दिन लोहे से बनी हुई वस्तुएं भी घर में नहीं लानी चाहिए। शनि देव लोहे का अस्त्र धारण करते हैं। यह बहुत मजबूत धातु है, इसलिए इसे शनि की धातु माना गया है।


 शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए, और सिक्का अर्पित करना चाहिए।  


शनिवार के दिन उड़द या उड़द की दाल घर में नहीं लानी चाहिए, इस दिन उड़द की दाल की खिचड़ी का दान करना सही रहता है। 


शनि न्याय प्रिय हैं इसलिए शनिवार को माता-पिता बड़े बुजुर्गों और किसी गरीब का अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए, नहीं तो शनिदेव नाराज हो जाते हैं। माता-पिता की सेवा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। 


शनिवार के दिन किसी जीव-जन्तु को भी नहीं सताना चाहिए। शनिवार के दिन जरुरत मंदो की मदद करनी चाहिए, इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं। 


शनिवार को दिन न तो किसी को जूते-चप्पल दें और न ही किसी से जूते लें। न ही इस दिन जूते और चप्पल खरीदने चाहिए। इससे सफलता में रुकावट आती हैं। 


शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद ही शनिदेव के लिए दीपक जलाना चाहिए। सूर्यास्त से पहले शनिदेव की पूजा नहीं करनी चाहिए।