नयी दिल्ली : दिल्ली में कुछ हफ्ते पहले वेंटिलेटर बेड नहीं मिलने पर कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले जानेमाने गायक पंडित राजन मिश्रा की याद में इस हफ्ते वाराणसी में पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल खुला। उनके बेटे रजनीश ने कहा कि गायक के जाने से जो स्थान खाली हुआ है यह अस्पताल उस कमी को तो नहीं भर पाएगा लेकिन लोगों को समय रहते चिकित्सीय मदद मिल जाएगी तो वह पीड़ा कुछ कम होगी।

यह 750 बेड का अस्पताल मिश्रा परिवार के गृह नगर वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के परिसर में कोविड के मरीजों के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने बनाया है।

पंडित मिश्रा के बेटे रजनीश स्वयं शास्त्रीय गायक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को अस्पताल पहले बनाना चाहिए था या फिर उन्होंने यह अब किया है, इस तथ्य से हमारे लिए कुछ बदलने वाला नहीं है। लेकिन हम आशा करते हैं कि अन्य लोगों को इससे मदद मिलेगी। हम आशा करते हैं कि कोई भी और घर बरबाद नहीं हो। इस सब अनिश्चितता के बीच, यदि मेरे पिता के नाम पर बनाए गए अस्पताल से किसी को मदद मिलती है तो यह अच्छा है। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलेगी।’’

खयाल गायकी के पुरोधा राजन मिश्रा का 25 अप्रैल को कोविड संबंधी जटिलताओं के कारण दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था। उन्हें वेंटिलेटर बेड नहीं मिल पाया था।’’

पिता की मौत के करीब तीन हफ्ते बाद रजनीश ने कहा कि पर्याप्त सुविधाओं का अभाव, वेंटिलेटर बेड की कमी के कारण पिता की मौत हुई और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने का एक ही तरीका है और वह है स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करना।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। मैं केवल यही कह सकता हूं कि देश के सभी अस्पतालों को सुविधाओं से लैस करना चाहिए, बजाए कि संसद, मंदिर या कोई महंगी इमारत बनाने के।’’

रजनीश ने कहा, ‘‘राम मंदिर के लिए इंतजार किया जा सकता है क्योंकि रामजी यह देखने नहीं जाने वाले कि मंदिर बना है या नहीं। दिल्ली में भव्य संसद भवन पहले से है, एक और की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री आवास भी है, एक और की आवश्यकता नहीं है।’’