नयी दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के जोखिम को न्यूनतम करने के लिए विभिन्न कदम उठाये हैं ताकि इस रोग के बाहर से आने के खतरे को कम किया जा सके और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं क्लीनिकल हस्तक्षेप को मजबूत बनाया जा सके।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

पवार ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार चार जुलाई तक यूरोपीय क्षेत्र में प्रयोगशालाओं द्वारा प्रमाणित 4,920 मंकीपॉक्स मामले पाये गये। मामलों में वृद्धि होने का रुख पता चल रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकतर मामले ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस एवं नीदरलैंड में मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में पहले मामले का 14 जुलाई को तब पता चला जब एक व्यक्ति केरल आया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद केंद्र ने दक्षिणी राज्य में इसके फैलाव को रोकने एवं रोकथाम के प्रयासों में मदद के लिए विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों की एक टीम भेजी।

केरल के कन्नूर का 31 वर्षीय एक व्यक्ति दुबई से लौटा था और सोमवार को जांच में उसके मंकीपॉक्स से ग्रसित होने की पुष्टि हुई। इस प्रकार यह भारत में इस संक्रमण का दूसरा पुष्ट मामला है।

पवार ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य मंत्रालय ने रोग के जोखिम को न्यूनतम करने और आवश्यक स्वास्थ्य एवं क्लीनिकल हस्तक्षेप को मजबूत करने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं ताकि मंकीपॉक्स रोग का प्रबंधन किया जा सके।’’