नयी दिल्ली/चंडीगढ़ : दिवाली के बाद की सुबह दिल्ली और देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' या ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई लेकिन अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों ने प्रदूषक तत्वों को तेजी से जमा होने से रोका और राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति पिछले वर्षों से अपेक्षाकृत बेहतर रही।

हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान आदि राज्यों के शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' या 'बहुत खराब' दर्ज की गई।

राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सोमवार रात 11 बजे 310 दर्ज किया गया जो मंगलवार को सुबह छह बजे तक बढ़कर 326 हो गया तथा सुबह नौ बजे तक स्थिर रहा और उसके बाद घटने लगा। शाम 4.10 बजे एक्यूआई 312 था।

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 और 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

सुबह नौ बजे, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के पड़ोसी शहरों, नोएडा (312), गुरुग्राम (313), फरीदाबाद (311) और हरियाणा के चरखी दादरी (301) में वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रही। ग्रेटर नोएडा (282) और गाजियाबाद (272) भी वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी के करीब थी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के भिवानी, अंबाला, बहादुरगढ़, सोनीपत, जींद, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और पानीपत में मंगलवार को अपराह्न एक्यूआई क्रमश: 291, 241, 279, 214, 296, 211, 276 और 192 दर्ज किया गया।

पंजाब के लुधियाना, अमृतसर, मंडी गोबिंदगढ़, पटियाला, जालंधर और खन्ना में सुबह 10.10 बजे एक्यूआई क्रमश: 313, 249, 208, 225, 260 और 212 रहा।

खराब वायु गुणवत्ता वाले अन्य शहरों में राजस्थान का जयपुर (265), अजमेर (226) और कोटा (216) शामिल हैं। इसके अलावा गुजरात में अहमदाबाद (243), कर्नाटक में बेलगाम (221); मध्य प्रदेश में जबलपुर (235), कटनी (237) और देवास (207); उत्तर प्रदेश में आगरा (206), लखनऊ (241), कानपुर (218) और खुर्जा (238); बिहार में बेगूसराय (325) और तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई (229) भी खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में शामिल रहे।

पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में एक्यूआई 178 रहा।

आतिशबाजी पर प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली के कई हिस्सों में सोमवार की रात लोगों ने पटाखे चलाए, लेकिन पिछले दो वर्षों की तुलना में इसकी तीव्रता कम दिखाई दी। दिल्ली सरकार ने सितंबर में एक जनवरी 2023 तक सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। इस रोक के दायरे में जिसमें दिवाली भी शामिल है, जिसका पालन वह पिछले दो वर्षों से कर रही है।

राष्ट्रीय राजधानी में ज्यादातर स्थानों पर रात एक बजे तक वायु में पीएम2.5 की मात्रा 550 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक थी। हालांकि सुबह 10 बजे तक पीएम 2.5 का स्तर 350 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से नीचे आ गया था।

पीएम 2.5 महीन कण होते हैं जो 2.5 माइक्रोन या उससे कम व्यास के होते हैं और श्वसन नली के माध्यम से शरीर में गहराई तक जा सकते हैं तथा फेफड़ों तक पहुंच कर रक्तप्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं।

पंजाब सरकार ने दिवाली पर पटाखे फोड़ने के लिए रात 8 बजे से 10 बजे तक दो घंटे का समय दिया था, जबकि हरियाणा सरकार ने राज्य में केवल हरित पटाखों की अनुमति दी थी।

पंजाब सरकार ने मंगलवार को कहा कि पिछले दो साल की तुलना में इस दिवाली पर राज्य की वायु गुणवत्ता बेहतर थी और राज्य के छह शहरों में इस साल की दिवाली के दौरान गुणवत्ता सूचकांक में 2020 और 2021 की तुलना में सुधार देखा गया।

पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि इस दिवाली पंजाब का औसत एक्यूआई 224 (खराब श्रेणी) था, जबकि 2021 में 268 और 2020 में 328 (बहुत खराब) था।

उन्होंने कहा कि पिछले साल और 2020 में किसी भी शहर की वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में नहीं थी, जबकि इस साल खन्ना और मंडी गोबिंदगढ़ इस श्रेणी में थे।

इस साल, दिवाली पर अमृतसर में एक्यूआई 262 रहा जबकि 2020 में यह 386 था।

चेन्नई पुलिस ने पटाखों से संबंधित विभिन्न प्रतिबंधों के उल्लंघनों को लेकर 354 मामले दर्ज किए। नगर पुलिस ने कहा कि उसने समय-सीमा के उल्लंघन के संबंध में 271 और अधिक आवाज वाले पटाखे फोड़ने के 69 मामले दर्ज किए हैं।

पुलिस ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर पटाखे बेचने पर 14 मामले दर्ज किए गए हैं।