नयी दिल्ली : एनटीएजीआई की जल्द होने वाली बैठक में कोविशील्ड या कोवैक्सीन का पूर्ण टीकाकरण करवा चुके लोगों को बूस्टर खुराक के तौर पर ‘बायोलॉजिकल ई’ के कॉर्बेवैक्स टीका देने की इजाजत और दूसरी खुराक व ऐहतियाती खुराक के बीच अंतराल कम करने पर चर्चा किए जाने की संभावना है।

टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) पांच से 12 वर्ष आयुवर्ग के लिए टीकों के आंकड़ों की समीक्षा भी कर सकता है।

भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने रविवार को कॉर्बेवैक्स को 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए एहतियाती खुराक के लिए मंजूरी दे दी। भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित ‘आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट’ टीका कॉर्बेवैक्स वर्तमान में 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के टीकाकरण के लिए दिया जा रहा है।

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, “एनटीएजीआई कॉर्बेवैक्स के आंकड़ों की समीक्षा करेगा, जिसे डीसीजीआई द्वारा बूस्टर के रूप में मंजूरी दी गई है। इसे पूर्व में कोविशील्ड या कोवैक्सीन के साथ टीकाकरण पूर्ण करा चुके लोगों को बूस्टर खुराक के तौर पर लगाने की अनुमति देने पर समूह विचार करेगा।”

समिति ने मई में हुई अपनी बैठक में प्राथमिक कार्यक्रम की अंतिम खुराक और बूस्टर खुराक के बीच के अंतराल को कम करने के लाभ के स्पष्ट प्रमाण की कमी का हवाला भी दिया था।

यह महसूस किया गया कि सत्र में प्रस्तुत किए गए अध्ययनों में बहुमूल्य वैज्ञानिक जानकारी थी लेकिन वर्तमान नीति के सवाल के संदर्भ में निर्णय लेने में सहायक नहीं थे।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को तब ‘राष्ट्रीय वैक्सीन ट्रैकर प्लेटफॉर्म’ से आंकड़े निकालने के लिए कहा गया था, ताकि ओमीक्रोन लहर के शुरू होने से पहले और इसके फैलने के बाद प्राथमिक टीकाकरण कार्यक्रम के पूरा होने के तीन, छह और नौ महीने बाद संक्रमण दर निर्धारित की जा सके।

सूत्र ने बताया, “सदस्यों ने कहा कि एक सीमित भौगोलिक क्षेत्र से भी आंकड़ा कारगर होगा। इस तरह की जानकारी लंबे समय में बूस्टर की आवश्यकता के लिए अध्ययन के डिजाइन की भी जानकारी देगी…।”

यह बताया गया कि छह महीने बनाम नौ महीने में दी गई बूस्टर खुराक या ऐहतियाती खुराक की तुलनात्मक प्रभावशीलता पर कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।

वर्तमान में 18 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे लोग जिन्हें टीके की दूसरी खुराक प्राप्त किए नौ महीने पूरे हो गए हैं, वे एहतियाती खुराक पाने के हकदार हैं। केंद्र ने पिछले महीने विदेश यात्रा करने वाले नागरिकों और छात्रों को गंतव्य देशों के दिशानिर्देशों के अनुसार निर्धारित नौ महीने की प्रतीक्षा अवधि से पहले ही खुराक लेने की अनुमति दी थी।