नयी दिल्ली : पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा को फटकार लगाए जाने के कुछ घंटों बाद दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा नेता को 18 जून को कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने को लेकर नोटिस जारी किया गया था और उसी दिन उनसे पूछताछ की गई थी।

टेलीविजन पर प्रसारित एक बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई शर्मा की टिप्पणी के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हुए थे और कई खाड़ी देशों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। भाजपा ने बाद में शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था। टिप्पणी को लेकर शर्मा के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है।

पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) के पी एस मल्होत्रा ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 ए (पुलिस अधिकारी के समक्ष पेश होने का नोटिस) के तहत शर्मा को 18 जून को नोटिस जारी किया गया था और कानून के मुताबिक उनका बयान दर्ज किया गया था।

उन्होंने कहा कि वह (शर्मा) जांच में शामिल हुईं और उसी दिन उनका बयान दर्ज किया गया था।

न्यायालय ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को शर्मा को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उनकी “बेलगाम जुबान” ने “पूरे देश को आग में झोंक दिया” और “देश में जो कुछ हो रहा है उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार हैं।”

न्यायालय ने शर्मा की विवादित टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने संबंधी उनकी अर्जी स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने (शर्मा ने) पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए या किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत या किसी घृणित गतिविधि के तहत की।

न्यायालय ने टिप्पणी की, “उनका (शर्मा का) अपनी जुबान पर काबू नहीं है और उन्होंने टेलीविजन चैनल पर गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए हैं तथा पूरे देश को आग में झोंक दिया है। फिर भी वह 10 साल से वकील होने का दावा करती हैं। उन्हें अपनी टिप्पणियों के लिए तुरंत पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए थी।”