नयी दिल्ली : भारत और यूरोपीय संघ करीब आठ वर्ष के अंतराल के बाद महत्वाकांक्षी एवं समग्र मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत फिर से शुरू करने जा रहे हैं और इसकी औपचारिक शुरूआत की घोषणा शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 27 देशों के समूह के शीर्ष नेतृत्व के बीच डिजिटल शिखर बैठक में की जा सकती है ।

यूरोपीय संघ (ईयू) के आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुक्त व्यापार समझौते के पैकेज में निवेश संरक्षण समझौते के अलावा भौगोलिक सूचकांक ढांचा भी शामिल होगा ।

उल्लेखनीय है कि जून 2007 में भारत और ईयू के बीच शुरू मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत में मई 2013 में रूकावट आ गई थी जब दोनों पक्ष शुल्क, आईटी क्षेत्र से जुड़े डाटा की सुरक्षा स्थिति तथा बाजार पहुंच सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैचारिक अंतर को दूर करने में विफल रहे थे ।

सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारत और यूरोपीय संघ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इस ब्लाक के शीर्ष नेतृत्व के बीच डिजिटल शिखर बैठक में बातचीत शुरू करने पर सहमत होंगे ।

सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष शिखर बैठक में सम्पर्क साझेदारी की घोषणा कर सकते हैं जिसका मकसद रेलवे, नौवहन एवं विमानन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाना है तथा दोनों पक्षों के लोगों को डिजिटल क्षेत्र में करीब लाना है ।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का भारत-यूरोपीय संघ शिखर बैठक में हिस्सा लेने पुर्तगाल जाने का कार्यक्रम था लेकिन देश में कोविड-19 के संक्रमण की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न संकट को देखते हुए यह यात्रा स्थगित कर दी गई थी और दोनों पक्षों ने डिजिटल माध्यम से बैठक करने का निर्णय किया था ।

यूरोपीय संघ, भारत के लिये सामरिक रूप से महत्वपूर्ण समूह है और यह 2018 में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी रहा है। यूरोपीय संघ के साथ भारत का द्विपक्षीय कारोबार वर्ष 2018-19 में 115.6 अरब डालर था जिसमें निर्यात 57.17 अरब डालर तथा आयात 58.42 अरब डालर रहा ।