नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने छात्रों को सशस्त्र सेनाओं के लिए तैयार करने वाले शहर के पहले ‘शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल’ का शनिवार को उद्घाटन किया।

नजफगढ़ के झाड़ौदा कलां में बने इस स्कूल में अभी 175 छात्र हैं।

केजरीवाल ने इस मौके पर छात्रों से देश के लिए जीने-मरने की भावना को आत्मसात करने का आह्वान किया।

इस आधुनिक सुविधाओं वाले स्कूल में व्यक्तिगत तथा समूह कार्यों, मॉक साक्षात्कार, मनोवैज्ञानिक परीक्षाओं तथा व्यक्तित्व विकास कार्यशालाओं के जरिए छात्रों में अधिकारी जैसे गुण पैदा करने के लिए विशेष सेवा प्रिपरेटरी शाखा बनायी गयी है।

इसमें लड़कों तथा लड़कियों के लिए भोजनालय के साथ निशुल्क छात्रावास की सुविधा है और यह दिल्ली सरकार के विशिष्ट उत्कृष्टता स्कूल का हिस्सा है तथा दिल्ली शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है।

अधिकारियों ने बताया कि यह दिल्ली के निवासियों के लिए है तथा छात्र नौवीं और 11वीं कक्षाओं में दाखिला ले सकते हैं।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार का आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल आज शुरू हो गया। इसमें विशेष शिक्षा के अलावा छात्रों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी तथा ऐसी ही प्रतियोगिताओं के लिए चार साल की निशुल्क कोचिंग मिलेगी।’’

उन्होंने कहा कि इस स्कूल में ऐसी सेवाएं मिलेगी, जो ‘‘सबसे महंगे स्कूलों में भी नहीं मिलती होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां 80-90 प्रतिशत छात्र सरकार स्कूलों से लिए गए हैं। हमारे स्कूलों में शिक्षा बिल्कुल निशुल्क है, यहां अमीर और गरीब की खाई मिटाने के लिए सभी छात्रों को एक जैसी सुविधाएं मिलती है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली में कोई सैनिक स्कूल नहीं था। हमने एक साल पहले तैयारी शुरू की थी, लेकिन यह नहीं पता था कि स्कूल एक साल में तैयार हो जाएगा। मैं दिल्ली और देश की तरफ से उन लोगों का आभार जताता हूं, जिन्होंने एक साल के भीतर इस सपने को साकार कर दिखाया।’’

केजरीवाल ने कहा कि स्कूल में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं और छात्रों को विभिन्न सशस्त्र बलों की प्रवेश परीक्षा प्रणाली के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘काफी छात्र खुद से तैयारी करते हैं और इन परीक्षाओं में बैठते हैं, जिनमें एनडीए तथा अन्य प्रवेश परीक्षाएं शामिल हैं। दूसरे राज्यों में भी सैनिक स्कूल थे लेकिन दिल्ली ने कभी ऐसा कोई स्कूल नहीं था।’’

छात्रों को अपना पूरा जीवन देश के लिए समर्पित करने के वास्ते प्रेरित करते हुए केजरीवाल ने भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के अपने छात्र जीवन को याद किया। वह 1989 में आईआईटी से पास हुए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘उस समय मैंने केवल देश के लिए कुछ करने के बारे में सोचा था। कई छात्र विदेश चले गए थे और वहां बस गए। यह हमारा अपना देश है और हमें इसके लिए काम करना होगा। मैं देश की बेहतरी के लिए यहां जीऊंगा, लडूंगा और प्राण त्याग दूंगा।’’

स्कूल में इस साल दाखिले के लिए 18,000 से अधिक आवेदन मिले।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह मुश्किल मुकाबला था। दाखिले के लिए 18,000 से अधिक छात्रों ने आवेदन दिया। आपके बच्चों ने इतना कठिन मुकाबला जीता है और उनकी सफलता का श्रेय आपको भी जाता है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वे सभी एनडीए या हर उस परीक्षा में चयनित हो जाए, जिसमें वे बैठेंगे।’’

उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त अधिकारियों को छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल का नाम भगत सिंह के नाम पर रखा गया है, ताकि छात्र उनके जीवन से सीख ले सकें।

केजरीवाल ने कहा, ‘‘23 साल की उम्र में उन्होंने (भगत सिंह) स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया और अपने प्राण न्योछावर कर दिये। आज के युवा उस उम्र में प्रेमिका पाने को लेकर चिंतित रहते हैं। आपको उनके आदर्शों को अपनाना चाहिए और उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए।’’

मुख्यमंत्री ने छात्रों से यह याद रखने के लिए कहा कि इस स्कूल में मिल रही सुविधाओं में गरीब से गरीब व्यक्ति का भी योगदान है। उन्होंने कहा कि यह करदाताओं की गाढ़ी कमायी से बना है।