तिरुवनंतपुरम/दिल्ली : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को कहा कि यदि विधानसभा द्वारा पारित विधेयक संविधान की भावना और उच्चतम न्यायालय के निर्णयों के विरुद्ध जाते हैं, तो वह उन पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।

राज्यपाल की मंजूरी नहीं मिलने के कारण कई अध्यादेश रद्द हो गए थे, जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा पेश 11 विधेयकों को पारित कराने के लिए केरल विधानसभा का सत्र चल रहा है। सत्र के बीच खान का बयान आया है।

विश्वविद्यालयों की शक्तियों में संशोधन से संबंधित विधेयक के बारे में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए खान ने कहा, 'आपको लगता है कि मैं किसी भी ऐसे कानून पर हस्ताक्षर करूंगा जो उच्चतम न्यायालय के निर्णय की भावना के विरुद्ध है? निश्चित रूप से नहीं।'

कहा जा रहा है कि इस विधेयक का उद्देश्य कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल की शक्तियों को कम करना है।

खान ने नयी दिल्ली में पत्रकारों से कहा, 'वे जो चाहें कर सकते हैं। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद ही कोई विधेयक कानून बनता है। मैं आपसे बस इतना कह रहा हूं कि मैं संविधान के खिलाफ जाने वाली ऐसी किसी भी चीज पर हस्ताक्षर नहीं करूंगा, जिसके जरिए विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को खत्म करने का प्रयास किया गया हो, या जो विश्वविद्यालय में सरकारी हस्तक्षेप का रास्ता खोलती हो। मेरे लिए ऐसी किसी चीज पर हस्ताक्षर करना संभव नहीं है।'

राज्यपाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने प्रत्येक विश्वविद्यालय और सभी राज्य सरकारों को यह स्पष्ट कर दिया है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों का पालन किया जाए और एक दिशानिर्देश यह भी है कि कोई व्यक्ति जो चयन समिति का सदस्य है, उसका उसके अधीन आने वाले विश्वविद्यालय या कॉलेज से कोई लेना-देना नहीं होगा।