चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार 2025 तक नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को पूरी तरह से लागू कर देगी और स्कूल छोड़ने वालों की दर को शून्य पर लाने का प्रयास करेगी।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक खट्टर ने राज्य में एनईपी-2020 की शुरुआत करते हुए यह बात कही। वह शिक्षाविदों और छात्रों समेत एक सभा को संबोधित कर रहे थे और पंचकूला में आयोजित समारोह में डिजिटल रूप से जुड़े।

खट्टर ने कहा, ‘‘एनईपी-2020 को वर्ष 2025 तक पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। हालांकि, इसके क्रियान्वयन की समय सीमा 2030 तक है, लेकिन हरियाणा इस लक्ष्य को पांच साल पहले हासिल कर लेगा।’’ उन्होंने कहा कि हरियाणा का लक्ष्य है कि 2025 तक स्कूल छोड़ने की दर शून्य हो जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और रोजगार के साथ-साथ एनईपी का उद्देश्य छात्रों को संस्कारवान और ‘आत्मनिर्भर’ बनाना है ताकि वे भारत को एक बार फिर से ‘विश्व गुरू’ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।

खट्टर ने कहा, ‘‘आज आजादी के 75 साल बाद देश को ऐसी शिक्षा नीति की जरूरत है, जो न केवल युवा पीढ़ी को शिक्षित करे बल्कि उनमें राष्ट्रवाद की भावना भी जगाए।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि नयी नीति के तहत राज्य में बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देते हुए करीब 4,000 ‘प्लेवे स्कूल’ खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 1,135 स्कूल खोले जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनईपी-2020 में उच्च शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का लक्ष्य 50 प्रतिशत निर्धारित किया गया है, जिसे राज्य 2025 तक हासिल कर लेगा। इस अवसर पर खट्टर ने घोषणा की कि 29 जुलाई को हर साल नयी शिक्षा नीति दिवस के रूप में मनाया जाएगा।