ढाका, 29 फरवरी (हि.स.)। बांग्लादेश ने पद्मा-मेघना नदी अभयारण्य में मछली पकड़ने पर दो महीने के लिए रोक लगा दी। यह प्रतिबंध शुक्रवार से प्रभावी होगा। यह अभयारण्य 70 किलोमीटर तक फैला है। सरकार के इस कदम से चांदपुर में 43,000 पंजीकृत मछुआरे प्रभावित होंगे।

पद्मा-मेघना अभयारण्य में यह प्रतिबंध इलिश (हिलसा) सहित सभी प्रकार की मछली पकड़ने पर लागू होगा। मेघना नदी में पद्मा नदी चांदपुर जिला में मिलती है। इसके बाद मेघना भोला जिला में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। बांग्लादेश की सीमाओं के भीतर बहने वाली नदियों में मेघना सबसे चौड़े पाट वाली नदी है। भोला के निकट एक बिंदु पर यह 12 किलोमीटर चौड़ी है। हिलसा मछली असामान्य रूप से नाजुक मांस वाली मछली की कुछ गिनी-चुनी प्रजातियों में से एक है। यह अभयारण्य मतलब उत्तर उप जिला में शतनाल से लेकर हैमचार उप जिला में चारभैरबी तक फैला हुआ है।

जिला मत्स्य अधिकारी गोलाम मेहेदी हसन ने कहा कि एक मार्च से 30 अप्रैल तक दो महीने तक मछुआरों को प्रति व्यक्ति 40 किलोग्राम खाद्य सहायता दी जाएगी। टास्क फोर्स में कार्यकारी मजिस्ट्रेट शामिल हैं। प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले मछुआरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। आनंद बाजार जैसे क्षेत्रों के मछुआरों ने प्रतिबंध पर चिंता व्यक्त की है। चांदपुर नदी पुलिस थाना प्रभारी कमरुज्जमां ने कहा कि नदी पुलिस ने प्रतिबंध को लागू करने के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं। चांदपुर सदर उप जिला के वरिष्ठ मत्स्य अधिकारी तंजीमुल इस्लाम ने कहा कि अगर कोई मछुआरा कानून की अवहेलना करता है तो सख्त कार्रवाई होगी।



हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद/सुनीत