काठमांडू, 21 दिसम्बर । नौ साल पहले चीन से खरीदे गए 6 छोटे विमान पिछले तीन साल से ग्राउंडेड हैं। आखिरकार अब उनको बेचने का फैसला किया गया है। करीब 450 करोड़ रुपये में खरीदे गए इन विमानों को 190 करोड़ रुपये घाटे के बाद बेचा जा रहा है



2015 में नेपाल सरकार ने सरकारी विमान कंपनी नेपाल वायुसेवा निगम के लिए चीनी कंपनी से खरीदे गए दो एमए-60 और वाई-12 ई विमान को बेचने के लिए टेंडर निकाला है। ये सभी विमान पिछले तीन साल से ग्राउंडेड हैं। वैसे तो चीन से 6 विमान खरीदे गए लेकिन तीन साल पहले एक विमान नेपालगंज विमानस्थल पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।



तमाम विरोध और तकनीकी खामियों के बावजूद तत्कालीन नेपाल सरकार ने चीन से विमान खरीदने का फैसला किया था। आन्तरिक उड़ानों के लिए नेपाल सरकार ने इनमें से चार विमानों को करीब 450 करोड़ रुपये में खरीदा था जबकि दो विमान चीन सरकार की तरफ से अनुदान में दिए गए थे। हालांकि इन विमानों के रखरखाव और मरम्मत में ही अब तक 190 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। वायुसेवा निगम के अधिकारियों की मानें तो चीन से आए ये विमान ढंग से पांच साल भी नहीं चल पाए। इन विमानों को उड़ाने में ही सरकार को हर साल करीब 40 करोड़ रुपये घाटा हो रहा था।



वैसे तो बार बार इन विमानों में तकनीकी खराबी आती रही लेकिन तीन साल पहले चीन से लाए गए एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद सरकार ने इन विमानों की उड़ानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार की तरफ से चीनी कंपनी से इन विमानों को वापस ले जाने का आग्रह किया गया था लेकिन उनकी तरफ से कुछ भी सकारात्मक जवाब नहीं मिल पाने के कारण अब इन्हें बेचने के लिए टेंडर किया गया है। वैसे सरकार की तरफ से बीच में इनके संचालन के लिए व्यवस्थापन को किसी निजी कंपनी को भी देने का प्रयास किया गया था लेकिन किसी भी कंपनी ने इसे स्वीकार नहीं किया।