तेहरान : ईरान के एक कट्टरपंथी समाचार पत्र में रविवार को प्रकाशित लेख में सुझाव दिया गया है कि यदि ईरान के बंद हो चुके सैन्य परमाणु कार्यक्रम से जुड़े एक वैज्ञानिक की हत्या इजराइल ने की है, तो ईरान को इजराइली बंदरगाह शहर हाइफा पर हमला कर देना चाहिए।

‘काहयान’ समाचार पत्र ईरान को निशाना बनाकर किए गए अभियानों का आक्रामक जवाब देने को लेकर लंबे समय से तर्क देता रहा है, लेकिन रविवार को प्रकाशित लेख में कहा गया कि ऐसा हमला किया जाए, जिससे न केवल उसके सुविधा केंद्र नष्ट हों, बल्कि ‘‘बड़ी संख्या में लोग’’ भी मारे जाएं।

पिछले एक दशक में हुईं ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या को लेकर शक की सुई इजराइल की ओर है। उसने मोहसिन फखरीजादा की शुक्रवार को हुई हत्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है।

ईरानी अधिकारियों ने हमले के लिए इजराइल को दोषी ठहराया है, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है।

ईरानी विश्लेषक सादुल्ला जारेई द्वारा लिखे लेख में तर्क दिया गया है कि सीरिया में रेवॉल्यूशनरी गार्ड बलों पर संदिग्ध इजराइली हमलों के बाद ईरान की पहले की प्रक्रियाएं इजराइल को रोकने में नाकाम रही हैं।

जारेई ने लिखा, ‘‘हाइफा पर हमला और बड़ी संख्या में लोगों को मारना इजराइल को रोकेगा, क्योंकि अमेरिका और इजराइल सरकार एवं उसके एजेंट किसी युद्ध या सैन्य टकराव का हिस्सा बनने के लिए किसी भी तरह तैयार नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा कि हाइफा पर हमला इराक में अमेरिकी बलों पर हुए ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले से भी बड़ा होना चाहिए।

इससे पहले लेबनानी आतंकवादी संगठन हिजबुल्ला भी हाइफा पर हमला करने की बात कर चुका है।