लाहौर : पाकिस्तान में 800 से अधिक भारतीय सिख यात्री बुधवार को अंतत: रावलपिंडी में अपने गंतव्य तक पहुंच गए। देश में एक कट्टर इस्लामी पार्टी के समर्थकों द्वारा सड़कें बंद किये जाने के कारण बैसाखी मनाने गुरुद्वारा पंजा साहिब जाने के दौरान उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा।

भारतीय तीर्थयात्री बैसाखी पर्व में शामिल होने के लिये सोमवार को वाघा बॉर्डर के जरिये लाहौर पहुंचे थे।

फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित करने के मामले में फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने की मांग कर रहे तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों द्वारा सड़कें बंद किये जाने से उनकी यात्रा प्रभावित हुई।

पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि 800 से अधिक भारतीय सिखों ने हसनअबदाल में गुरुद्वारा पंजा साहिब में वैशाखी मनाई।

उन्होंने कहा कि मंगलवार दोपहर भारतीय सिख पुलिस और रेंजर्स के साथ 25 बसों में सवार होकर लाहौर के गुरुद्वारा पंजा साहिब के लिये रवाना हुए।

अधिकारी ने कहा, 'टीएलपी के प्रदर्शन के दौरान सड़कें बंद होने के कारण सिख यात्री 14 घंटे के सफर के बाद बुधवार सुबह चार बजे के बाद हसनअबदाल पहुंचे, जहां पहुंचने में अमूमन तीन घंटे लगते हैं।'

बुधवार को उन्होंने मुख्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जिसमें कई स्थानीय लोगों ने भी शिरकत की।

भारतीय सिख पाकिस्तान में दिन के ठहराव के दौरान पंजाब में अन्य पवित्र स्थलों की भी यात्रा करेंगे।