वाशिंगटन, 18 जनवरी (एपी) अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुनाव प्रचार मुहिम से जुड़े लोगों की वॉशिंगटन में उस रैली को आयोजित करने में अहम भूमिका थी, जिसने अमेरिकी कैपिटल में घातक हमला किया था।

‘एसोसिएटिड प्रेस’ द्वारा की गई रिकॉर्डों की समीक्षा में यह बात सामने आई है।

ट्रंप समर्थक गैर सरकारी संगठन ‘विमेन फॉर अमेरिका फर्स्ट’ ने व्हाइट हास के निकट स्थित संघ के मालिकाना हक वाली जमीन ‘इलिप्स’ में छह जनवरी को ‘सेव अमेरिका रैली’ का आयोजन किया था, लेकिन ‘नेशनल पार्क सर्विस’ द्वारा दी गई मंजूरी की सूची में छह से अधिक ऐसे लोग हैं, जो स्टाफकर्मी थे और जिन्हें ट्रंप की 2020 चुनाव प्रचार मुहिम ने कुछ ही सप्ताह पहले हजारों डॉलर का भुगतान किया था।

इसके अलावा प्रदर्शन के दौरान घटनास्थल पर मौजूद कई लोगों के व्हाइट हाउस के साथ निकट संबंध हैं।

चुनाव परिणाम में धांधली का आरोप लगाने वाले ट्रंप के इलिप्स में दिए भाषण और इससे पहले की टिप्पणियों के कारण कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) में हिंसा भड़की थी। इसके बाद प्रतिनिधि सभा ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया। ट्रंप अमेरिका के इतिहास में पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ दूसरी बार महाभियोग चलाया जा रहा है।

जब ‘विमेन फॉर अमेरिका फर्स्ट’ से पूछा गया कि इस रैली के लिए वित्तीय मदद किसने दी थी और ट्रंप की मुहिम की इसमें क्या संलिप्तता थी, तो उसने इन संदेशों का कोई जवाब नहीं दिया। इस रैली में हजारों लोग शामिल हुए थे।

ट्रंप की प्रचार मुहिम ने एक बयान में कहा कि उसने ‘‘समारोह आयोजित नहीं किया या उसे वित्तीय मदद नहीं दी’’ तथा मुहिम का कोई भी सदस्य रैली के आयोजन में शामिल नहीं था।

बयान में कहा गया है कि यदि किसी पूर्व कर्मी या मुहिम से स्वतंत्र रूप से जुड़े किसी व्यक्ति ने रैली में भाग लिया, तो उसने ‘‘ट्रंप मुहिम के निर्देश पर ऐसा नहीं किया’’।

मेगन पावर्स छह जनवरी को हुए कार्यक्रम के प्रबंधकों में शामिल थी। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वह जनवरी 2021 में ट्रंप की मुहिम से जुड़ी हुई थीं। उन्होंने इस संबंध में किए गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।

एपी की समीक्षा के अनुसार, रैली के लिए दी गई मंजूरी में ट्रंप की मुहिम से जुड़े कम से कम तीन ऐसे लोगों का जिक्र है, जिन्होंने प्रदर्शन से स्वयं को अलग करने की कोशिश की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल लॉक कर दिए हैं या बंद कर दिए हैं और रैली संबंधी ट्वीट हटा दिए हैं।