नयी दिल्ली : शुरूआत में डेंगू के इलाज के लिए विकसित की गई एंटी वायरल दवा ‘क्लेवीरा’ को कोरोना वायरस से संक्रमित हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों के इलाज में सहायक उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस दवा के निर्माता ऐपेल्क्स लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि दवा को लगातार 14 दिन तक भोजन के बाद मुंह से एक एक गोली के तौर पर लिए जाने पर यह प्रभावी है। इसे दिन में दो बार लिया जाना चाहिए।

चेन्नई स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी ने बयान में कहा,‘‘ क्लेवीरा, एंटी वायरल दवा को हल्के से मध्यम लक्षण वाले कोरोना मरीजों को सहायक उपचार के तौर पर नियामकीय मंजूरी मिल चुकी है।’’

कंपनी ने कहा,‘‘ क्लेवीरा को मुख्य रूप से 2017 में डेंगू मरीजों के उपचार के लिए विकसित किया गया था । पिछले साल, देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर इसे कोरोना संक्रमण के सहायक उपचार के तौर पर रखा गया है।यह दवा देशभर में 11 रूपये प्रति गोली की कीमत पर उपलब्ध है।’’

बयान में कहा गया है कि पिछले वर्ष सौ लोगों पर इसका क्लीनिकल परीक्षण किया गया और उसके परिणाम ‘‘आशाजनक ’’ थे ।

कंपनी ने बताया, ‘‘ काफी कड़ी जांच और गहन विचार विमर्श के बाद, इस दवा को हल्के से मध्यम लक्षणों वाले कोरोना संक्रमित मरीजों के सहायक उपचार के रूप में मंजूरी मिल गई है । यह मंजूरी आयुष मंत्रालय के नियामकों ने दी है जो देश में इस प्रकार की पहली मंजूरी है। साथ ही केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान शोध परिषद (सीसीआरएएस) तथा अंतर विषयक तकनीकी समीक्षा समिति (आईटीआरसी) ने भी इसे जांचा परखा है।’’

कंपनी के अंतरराष्ट्रीय कारोबार विभाग के प्रबंधक सी आर्थर पाल ने बताया, ‘‘क्लेवीरा लीवर और किडनी संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और इसे दूसरी अन्य दवाओं के साथ देने में कोई नुकसान नहीं है। ’’

उन्होंने बताया कि इस दवा को दो साल के बच्चे से लेकर सभी आयु वर्ग के मरीजों को दिया जा सकता है।