नई दिल्ली: 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने लाल किले की प्राचीर से स्वास्थ्य से जुड़ी देश की सबसे बड़ी योजना का शंखनाद किया है. डिजिटल हेल्थ मिशन के अंतर्गत शुरू हुई 'वन नेशन वन हेल्थ कार्ड' योजना के तहत हर भारतीय को एक 'यूनिक' हेल्थ आईडी दी जाएगी. जिसमें हर भारतीय के स्वास्थ्य से जुड़ी प्रत्येक जानकारी मौजूद होगी.  

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन (Harsh Vardhan) ने बताया कि पहले चरण में देश के 6 केन्द्र शासित प्रदेशों में इसकी शुरुआत कर दी गई है. इसमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली और दमन दीव, लद्दाख, लक्षदीप और पुडुचेरी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यहां से जो अनुभव आएंगे उसके आधार पर कुछ महीनों में ही इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा. 

बताते चलें कि इस डिजिटल हेल्थ कार्ड में ट्रीटमेंट, टेस्ट और उन डॉक्टर्स की जानकारी होगी जिनसे इलाज करवाया गया है. यानि अब आपको डॉक्टरों के पास जाते समय ढेरों फाइल लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी. आपकी बीमारी से लेकर दवाइयों तक की जानकारी इस आईडी में होगी. हालांकि फिलहाल इस योजना से जुड़ना अस्पताल और नागरिकों पर निर्भर करेगा कि वो इससे जुड़ना चाहते हैं या नहीं. सरकार ने इस योजना से जुड़ने या ना जुड़ने का पूरा निर्णय जनता पर छोड़ दिया है.

सरकार ने ये साफ किया है कि इस कार्ड में लोगों की व्यक्तिगत जानकारी को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा. इसके लिए सभी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर को इंटरनेट से लिंक किया जाएगा. साथ ही हर व्यक्ति को एक 14 अंक का पोर्टेबल नम्बर मिलेगा. इस नंबर के अलावा ये सुविधा भी होगी कि इससे लिंक करके एक आसान सा खुद का id बना लें. फिर आपको नंबर याद रखने के बजाय आईडी को याद रखना होगा. बता दें कि इस आईडी में लैब के रेकॉर्ड्स, ट्रीटमेंट, प्रेस्क्रिप्शन आदि की जानकारी होगी.