लंदन : एक नए अध्ययन के अनुसार कोरोना वायरस पर काबू के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान दुनिया भर में सात कैंसर रोगियों में से एक की अत्यावश्यक सर्जरी नहीं हो सकी। इस अध्ययन में भारत सहित 65 देशों के आंकड़ों का उपयोग किया गया है।

लैंसेट ऑन्कोलॉजी नामक पत्रिका में बुधवार को प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि पहले से निर्धारित कैंसर सर्जरी भी लॉकडाउन से प्रभावित हुयी, भले ही उस समय स्थानीय स्तर पर कोविड मामलों की संख्या कुछ भी रही हो। कम आय वाले देशों में रोगियों की सर्जरी नहीं होने की आशंका सबसे अधिक थी।

अध्ययन में शामिल शोधकर्ताओं ने कहा कि आम जनता को वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए लॉकडाउन आवश्यक है, लेकिन इसका अन्य रोगियों पर भी प्रभाव पड़ा है। ऐसे प्रभावों पर गौर करने वाले पहले अध्ययनों में से एक के तहत ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने पाया कि लॉकडाउन के कारण कैंसर मरीजों की सर्जरी में देरी हुई और अधिक कैंसर मरीजों की मौतें हुईं। उन्होंने कहा कि अगर समय पर उनकी सर्जरी हो जाती तो ऐसी मौतों को रोका जा सकता था।

अध्ययन में 61 देशों के 466 अस्पतालों में 20,000 रोगियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। इनमें भारत के 15 केंद्रों के 1,566 रोगियों के आंकड़े शामिल हैं।