शिमला, 17 नवंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में धूप खिलने से मौसम सुहावना बना हुआ है और आगामी एक सप्ताह तक बारिश-बर्फबारी के कोई आसार नहीं हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश भर में 23 नवंबर तक मौसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान जताया है।



मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल के मुताबिक अगले छह-सात दिन राज्य में पश्चिमी विक्षोभ का कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। इस दौरान मैदानों से लेकर पहाड़ी इलाकों तक मौसम शुष्क बना रहेगा। ऐसे में अधिकतम तापमान के तो सामान्य रहने की संभावना है, लेकिन न्यूनतम तापमान में गिरावट आ सकती है।



खास बात यह है कि मैदानी इलाकों ऊना, मंडी, पालमपुर और सोलन में रात के समय शिमला से अधिक ठंड पड़ रही है। शिमला में शुक्रवार को जहां न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ है, वहीं ऊना में 8.7, सोलन में 7.3, मंडी में 7.5 और पालमपुर में 8.5 डिग्री रिकार्ड किया गया। यानी ये इलाके शिमला से अधिक ठंडे रहे।



लाहौल स्पीति जिला के मुख्यालय केलांग का पारा माइनस में बना हुआ है। शुक्रवार को केलांग का न्यूनतम तापमान -0.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह राज्य मे सबसे ठंडा स्थल रहा।



राज्य के अन्य प्रमुख शहरों के न्यूनतम तापमान पर नजर दौड़ाएं तो सुंदरनगर में 7.2, भुंतर में 6.2, कल्पा में 2.4, धर्मशाला में 12.2, नाहन में 14, मनाली में 4.4, कांगड़ा में 10.2, चम्बा में 7.6, डल्हौजी में 8.2, जुब्बड़हट्टी में 11.3, कुफरी में 7.1, नारकंडा में 4.9, भरमौर में 7.7, रिकांगपिओ में 4.9, सियोबाग में 5.5, समधो में 1.4 और सराहन में 6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ है।



लाहौल-स्पीति में प्रचंड ठंड से जमने लगीं झीलें



शीत मरुस्थल कहे जाने वाले जनजातीय जिला लाहुल स्पीति में पारा शून्य से नीचे बना हुआ है। प्रचंड ठंड से इस जिले में झीलें, झरने और अन्य प्राकृतिक जलस्त्रोत जमने शुरू हो गए हैं। लाहौल घाटी की 14091 फुट ऊंची ढंखर झील, लेह मार्ग पर स्थित 15840 फुट ऊंची सूरजताल झील और पट्टन घाटी की 14000 हजार फुट ऊंची नीलकंठ झील भी पारा लुढ़कने से बर्फ में तबदील हो रही है। इसी तरह मनाली-लेह मार्ग पर स्थित दीपकताल झील का पानी भी जम गया है। यह झील केलांग से 43 किलोमीटर दूर है। इस झील पर अब अप्रैल के बाद फिर रौनक लौटेगी।