हैदराबाद: तेलंगाना की एक विशेष अदालत ने एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को ‘नफरत भरे भाषण’ से जुड़े मामलों में बुधवार को बरी कर दिया। ओवैसी के खिलाफ ये मामले करीब एक दशक पहले दर्ज किए गए थे।

विधायकों व सांसदों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष सत्र अदालत ने यह फैसला सुनाया। तेलंगाना विधानसभा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी फैसला सुनाए जाने के समय अदालत में मौजूद थे।

एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन पर ‘नफरत भरे भाषण’ देने को लेकर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे।

ओवैसी पर एक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप था। उन्होंने आठ दिसंबर 2012 को तेलंगाना के निजामाबाद और 22 दिसंबर 2012 को निर्मल टाउन में अपने सार्वजनिक भाषणों के दौरान कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

इसके बाद ओवैसी को गिरफ्तार कर लिया गया था और फिर जमानत पर रिहा किया गया था। अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने निजामाबाद मामले की जांच की थी और 2016 में आरोप पत्र दायर किया था। वहीं, निर्मल टाउन मामले की जांच जिला पुलिस ने की थी और उसी वर्ष आरोप पत्र दाखिल किया था।

निजामाबाद मामले में कुल 41 गवाहों, जबकि निर्मल टाउन मामले में 33 लोगों से पूछताछ की गई थी।