हैदराबाद: तेलंगाना से दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे एम. ए. खान ने विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) अध्यक्ष सोनिया गांधी को संबोधित एक पत्र में खान ने आरोप लगाया कि पार्टी ने कार्यकर्ताओं के साथ अपने जमीनी संबंध खो दिए और जनता को यह समझाने में पूरी तरह से विफल रही है कि वह अपने पिछले गौरव को फिर से हासिल कर सकती है तथा देश को आगे ले जा सकती है।

उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के कल्याण और भलाई के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा उठाई गई आवाज को शीर्ष नेताओं द्वारा बगावती तेवर के रूप में देखा गया।

खान ने कहा कि अगर पार्टी के पुनरुद्धार के लिए उन नेताओं के दर्द को समझकर उन्हें विश्वास में लिया जाता, तो चीजें अलग होतीं।

उनके इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, तेलंगाना के लिए एआईसीसी प्रभारी मणिकम टैगोर ने एक ट्वीट में आश्चर्य जताया कि खान पार्टी की सदस्यता के बगैर इस्तीफा कैसे दे सकते हैं? खान 2008 से 2020 तक राज्यसभा सदस्य रहे।

खान ने पत्र में आरोप लगाया, ‘‘वरिष्ठ नेताओं की सलाहों की उपेक्षा की गई और उन्हें अलग-थलग कर दिया गया तथा अपने रिश्तेदारों को पार्टी की जिम्मेदारियों को सौंपना शुरू कर दिया गया। एआईसीसी और 10, जनपथ के स्तर पर एक मंडली को प्रोत्साहित किया गया। नतीजतन, पार्टी ने कांग्रेस के असली कार्यकर्ताओं और नेताओं से संपर्क खो दिया।’’

उन्होंने आगे कहा कि वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं क्योंकि शीर्ष नेतृत्व जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह जगाने और जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक की प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ देश की सेवा करने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है।

टैगोर ने खान के इस्तीफे पर अपने ट्वीट में कहा, ‘‘सदस्यता के बिना ... आप कैसे इस्तीफा दे सकते हैं? यह राज्यसभा गिरोह जिसने कभी जमीन पर काम नहीं किया, अब गलत बयानी कर रहा है। एक और एनपीए (गैर निष्पादित अस्ति) गया... आइए हम राहुल गांधी जी के नेतृत्व में एक ऐसी कांग्रेस का निर्माण करें जो जनता के द्वारा, जनता के साथ और जनता के लिए है।’’