उधमपुर,: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के अभियान संबंधी क्षेत्र की निगरानी करने वाली सेना की उत्तरी कमान के सैनिकों के बीच पहुंचे। कोविंद परिपाटी से अलग जाते हुए बृहस्पतिवार को, यहां नवरात्रि के समापन वाले दिन महानवमी के अवसर पर होने वाले प्रीतिभोज ‘बड़ा खाना’ में सैनिकों और उनके परिजनों के साथ शामिल हुए।

राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से क्षेत्र का अपना दौरा आरंभ किया था। अधिकारियों ने बताया कि वहां उन्होंने लेह में सिंधु घाट पर सिंधु दर्शन पूजा की।

सिंधु नदी का तटीय हिस्सा अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह लेह में शेय गांव के निकट है और यहां सिंधु दर्शन पर्व समेत अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

लद्दाख के उप राज्यपाल आरके माथुर ने लेह एयरफील्ड में राष्ट्रपति का स्वागत किया। कोविंद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। शाम को, कोविंद उधमपुर में सेना की उत्तरी कमान मुख्यालय के मुख्य मैदान में पहुंचे। करगिल युद्ध के नायक एवं उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी के नेतृत्व में शीर्ष अधिकारियों ने उनकी अगवानी की।

‘भारत माता की जय’ के उद्घोष के बीच राष्ट्रपति ने सैनिकों और उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने सैनिकों का हालचाल जाना और एक जवान के बच्चे को चॉकलेट भी दी।

अधिकारियों ने बताया कि महानवमी के अवसर पर राष्ट्रपति सैनिकों और उनके परिवारों के साथ ‘बड़ा खाना’ में शामिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर बालक-बालिकाओं ने देशभक्तिपूर्ण गीत गाए और सेना की सिख रेजिमेंट के जवानों ने अपने मार्शल आर्ट्स कौशल का प्रदर्शन किया।

कोविंद लद्दाख के द्रास इलाके में सेना के जवानों के साथ दशहरा मनाएंगे। द्रास दुनिया के सबसे ठंडे स्थानों में से एक है। राष्ट्रपति आमतौर पर हर वर्ष दशहरा के मौके पर दिल्ली में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। इस बार दशहरा पर्व पर द्रास में रहकर उन्होंने इस परंपरा को तोड़ा।

कोविंद सेना के कमांडर के साथ उधमपुर से हवाई मार्ग से द्रास जाएंगे। वहां पर राष्ट्रपति करगिल युद्ध स्मारक पर 1999 के करगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।