रांची : झारखंड के विभिन्न जिलों में बुधवार को छठ पूजा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने नदियों, तालाबों, झरनों एवं नहरों में डुबकी लगाकर अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य समर्पित किया और सभी के कल्याण की कामना की।

राज्य की राजधानी रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, धनबाद, देवघर, पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा, दुमका, बोकारो, पलामू, लातेहार और गुमला समेत राज्य के सभी 24 जिलों में लाखों श्रद्धालुओं ने छठ पूजन में शामिल होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया।

रांची में बड़का तालाब, नक्षत्र वन, कांके बांध, धुर्वा बांध, जोड़ा तालाब, स्वर्ण रेखा नदी तथा गैतलसूद समेत तमाम तालाबों एवं नदियों पर शाम को लाखों छठ व्रती सपरिवार एकत्र हुए और उन्होंने सूप में पूजा सामग्री, फल तथा मिठाइयां लेकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया तथा भगवान सूर्य से सभी के कल्याण एवं शांति की कामना की।

इस चार दिवसीय छठ महापर्व पूरे झारखंड में भक्ति भाव से मनाया जा रहा है। बृहस्पतिवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ यह महापर्व संपन्न हो जाएगा।

पाकुड़ में छठ के तीसरे दिन हजारों श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। पाकुड़ के दो दर्जन छठ घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए उमड़ पड़ी। जिला मुख्यालय के कालीभासान, शिव शीतला मंदिर, ठाकुरबाड़ी मंदिर, टीन बंगला, तांतीपाड़ा, राजापाड़ा, गोकुलपुर तालाब पर बनाये गए छठ घाटों पर सुदूरवर्ती गांवों से भी श्रद्धालु पहुंचे।

देवघर में उपायुक्त ने पत्तों से बने दोना-पत्तलों और कटोरियों के उपयोग की सराहना करते हुए छठ समितियों के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने छठ पूजा को लेकर घाटों पर जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा, साफ-सफाई और सुविधा को लेकर किए गए इंतजामों का जायजा लिया।

नंदन पहाड़ तालाब में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दल के साथ उपायुक्त भजंत्री ने तालाब के समीप बने घाटों का नाव से जायजा लिया। इस दौरान उपायुक्त ने लोगों से अपील की कि जिले के विभिन्न तालाबों में जलस्तर अधिक होने के कारण उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है।

पलामू जिलान्तर्गत कोयल नदी के दोनों तटों पर आज सूर्य की उपासना की शाम एक लाख से अधिक छठव्रतियों ने अर्घ्य देकर उन्हें नमन किया ।

झारखंड में छठ व्रत का यह धार्मिक समारोह पलामू जिले की कोयल नदी और अमानत नदी के निकट सर्वाधिक व्यापक रूप से संपन्न होता है। समारोह का मुख्य केंद्र मेदिनीनगर होता है, जो कोयल नदी के तट पर बसा है। मेदिनीनगर में नदी के दोनों तटों पर लगभग 10 किलोमीटर की दूरी तक 20 से 30 हजार तक श्रद्धालु मौजूद रहे।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, छठ पर्व का समारोह मेदिनीनगर से हुसैनाबाद तक संपन्न हुआ।

इस बीच, पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि छठ पर्व को देखते हुए पूरे जिले में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं ।

उन्होंने बताया कि कोयल एवं अमानत नदी में जलस्तर ऊंचा हैं, जिसके चलते लोगों को आगाह किया गया है कि वे अपने बच्चों को नदी के किनारे जाने से रोके।

इस बीच, पलामू प्रमंडल के आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पलामू, गढ़वा और लातेहार जिले के उपायुक्तों को हिदायत दी गई है कि जिला प्रशासन छठ पर सतर्कता बरते।