बेंगलुरू : भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी) की चेयरमैन माधवी पुरी बुच ने शुक्रवार को कहा कि ग्राहकों की प्रतिभूतियों की सुरक्षा के लिए तकनीक का उपयोग करने के मामले में भारत से बेहतर कोई देश नहीं है।

उन्होंने कहा कि भारत में ग्राहकों की प्रतिभूतियों की सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशक अक्सर उन्हें बताते हैं कि वह भाग्यशाली हैं कि इस देश में डेटा और प्रौद्योगिकी का चलन है, जो पूंजी बाजार नियामक की भूमिका को प्रभावी बना रही है।

बुच ने भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम),बेंगलुरु के 49वें स्थापना दिवस समारोह में ‘पूंजी बाजार में डेटा और प्रौद्योगिकी’ पर अपने व्याख्यान में यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘‘पूरे बाजार में प्रौद्योगिकी में भारी बदलाव आया है। यह दुनिया में कहीं भी कभी नहीं किया गया है लेकिन हमने भारत में ऐसा किया है। आज ग्राहकों की प्रतिभूतियों की सुरक्षा के लिहाज से दुनिया में भारत से बेहतर कोई नहीं है।’’

हालांकि, उन्होंने कहा कि सेबी को भी कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। विनियमन ने प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल नहीं रखा है लेकिन वह अगले कुछ महीनों में इस समस्या को ठीक करने की कोशिश की जा रही है।

सेबी प्रमुख ने कहा कि बोर्ड अब ‘सुपरटेक’ या पर्यवेक्षी प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर कोई नियमों का पालन करें।

उन्होंने बताया कि साइबर हमलों के जोखिम को कम करने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई में एक प्रणाली स्थापित की जा रही है। नयी प्रणाली के अगले साल मार्च में शुरू होने की उम्मीद है।