बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बेंगलुरु के संस्थापक नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया, साथ ही दक्षिण भारत की पहली ‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई और केआईए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-2 का उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री मोदी के इन कार्यक्रमों के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं, क्योंकि कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

इससे पहले बेंगलुरु पहुंचे मोदी ने संत-कवि कनक दास की जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि भक्ति का मार्ग दिखाने एवं सामाजिक एकता का संदेश देने के लिए राष्ट्र सदैव उनका आभारी रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए भौतिक ढांचे के साथ-साथ सामाजिक ढांचे को भी मजबूत करने की जरूरत पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ‘स्पीड’ को भारत की आकांक्षा और ‘स्केल’ को भारत की ताकत मानती है।

प्रधामनंत्री मोदी ने यहां पहुंचने के बाद कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। सबसे पहले वह यहां विधान सौध के पास विधायक गृह परिसर में एक कार्यक्रम में शामिल हुए और वहां संत-कवि कनक दास की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने परिसर में रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर भी पुष्पांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ आज, कनक दास जयंती के अवसर पर, मैंने बेंगलुरु में श्री कनक दास को श्रद्धांजलि दी। हमें भक्ति का मार्ग दिखाने, कन्नड़ साहित्य को समृद्ध करने और सामाजिक एकता का संदेश देने के लिए हम हमेशा उनके आभारी रहेंगे।’’

प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ बेंगलुरु में आज सुबह महर्षि वाल्मीकि को भी श्रद्धांजलि दी।’’

कनक दास का जन्म आज ही के दिन 1509 में हुआ था। उनके माता-पिता ने उनका नाम थिम्मप्पा नायक रखा था। हर साल उनकी जयंती को ‘कनक जयंती’ के तौर पर मनाया जाता है और इस दिन क्षेत्रीय सार्वजनिक अवकाश होता है। ‘कीर्तन’ और ‘उगाभोग’ (कन्नड़ भाषा की संगीत रचनाएं) के लिए उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की।

कागिनेले कनक गुरु पीठ के निरंजनानंद पुरी स्वामीजी और वाल्मीकि प्रसन्नानंद स्वामीजी के अलावा कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, मंत्रिमंडल के कई सदस्य, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्य विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े केगेरी भी मौके पर मौजूद रहे।

कनक दास और वाल्मीकि राज्य में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं, खासकर कुरुबा और वाल्मीकि (अनुसूचित जाति) समुदायों के बीच।

प्रधानमंत्री मोदी के इन दोनों को श्रद्धांजिल अर्पित करने के इस कार्यक्रम के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं, क्योंकि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में कुरुबा और वाल्मीकि समुदाय कई विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

इसके बाद, प्रधानमंत्री बेंगलुरु के प्रधानमंत्री क्रांतिवीर संगोली रायन्ना (केएसआर) स्टेशन के लिए रवाना हुए। रास्ते में यहां कर्नाटक लोक सेवा आयोग के कार्यालय के समीप एक प्रमुख चौराहे पर मोदी ने अपनी कार रुकवाई और पार्टी कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों की उत्साही भीड़ का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी कार में खड़े होकर भीड़ का अभिवादन किया। भीड़ में शामिल लोगों ने ‘‘मोदी, मोदी’’ के नारे लगाए और वे भाजपा के झंडे लेकर खड़े नजर आए।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ इस शानदार शहर में यादगार स्वागत के लिए शुक्रिया।’’

इसके बाद वह फिर स्टेशन के लिए रवाना हो गए, जहां उन्होंने दक्षिण भारत की पहली ‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस ट्रेन और ‘भारत गौरव काशी दर्शन’ ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।

‘भारत गौरव काशी दर्शन’ ट्रेन रेलवे की ‘भारत गौरव’ ट्रेन नीति के तहत कर्नाटक के मुजराई विभाग द्वारा चलाई जाएगी। इस ट्रेन में यात्रा के लिए आठ दिन का एक यात्रा ‘पैकेज’ उपलब्ध होगा, श्रद्धालुओं को इसमें विशेष छूट दी जाएगी।

दक्षिण पश्चिम रेलवे के अनुसार, ‘‘ यह काशी की यात्रा करने को इच्छुक कई यात्रियों के सपने को पूरा करेगी।’’

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक सरकार काशी विश्वनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों को अतिरिक्त पांच हजार रुपये भी देगी।

यह ट्रेन वाराणसी, अयोध्या और प्रयागराज जैसे कई तीर्थ स्थल जाएगी।

‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस ट्रेन बेंगलुरु के रास्ते मैसूर और चेन्नई के बीच चलेगी।

यह देश की पांचवी और दक्षिण भारत की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन है।

अधिकारियों ने बताया कि यह यात्रा के समय में कटौती करने में मदद करेगी। यह अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। इससे चेन्नई से तीन घंटे में बेंगलुरु पहुंचा जा सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ चेन्नई-मैसूर वंदे भारत एक्सप्रेस ‘कनेक्टिविटी’ के साथ-साथ वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी। इससे लोगों का जीवन सुगम बनेगा। बेंगलुरु से इसे हरी झंडी दिखाकर खुश हूं।’’

प्रधानमंत्री ने इसके बाद केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआईए) के टर्मिनल2 का उद्घाटन किया।

इस ‘इको-फ्रेंडली टर्मिनल’ में बांस का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया है और यह 5,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया गया है। इसे ‘टर्मिनल इन ए ग्रीन’ भी कहा जा रहा है।

केआईए के अधिकारियों ने बताया कि इस नए टर्मिनल पर सलाना 2.5 करोड़ लोगों को सेवाएं मुहैया कराए जाने की उम्मीद है।

केआईए के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ टी-2 बेहतरीन वास्तुकला का एक उदाहरण है, जो अपने आप में पहला ‘टर्मिनल इन ए ग्रीन’ (हरियाली के बीच टर्मिनल) है। इसके अंदर व बाहर हर तरफ हरियाली है, ऐसा नज़ारा विश्व में किसी हवाई अड्डे पर देखने को नहीं मिलता। यहां से यात्रियों को गुजरते हुए ऐसा लगेगा कि वे किसी बगीचे से जा रहे हैं।’’

अधिकारी के अनुसार टर्मिनल-2 का सबसे बड़ा आकर्षण इसका ‘हैंगिंग गार्डन’ होगा।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, टर्मिनल-2 को ‘गार्डन सिटी’ बेंगलुरु के लिए एक सम्मान के रूप में डिजाइन किया गया है। यात्री यहां करीब 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में हरियाली के बीच से गुजरेंगे, जिसकी दीवारों पर भी हरियाली नजर आएगी।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बेंगलुरु के संस्थापक नादप्रभु केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का शुक्रवार को अनावरण किया।

‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ के अनुसार, यह शहर के संस्थापक की पहली और सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा है।

‘स्टैच्यू ऑफ प्रॉस्पेरिटी’ (समृद्धि की प्रतिमा) नामक यह प्रतिमा बेंगलुरु के विकास में केम्पेगौड़ा के योगदान के सम्मान में बनाई गई है।

यह प्रतिमा 218 टन वजनी (98 टन कांसा और 120 टन इस्पात) है। इसे यहां केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थापित किया गया है। इसमें लगी तलवार चार टन की है।

मोदी ने इसके बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए भौतिक ढांचे के साथ-साथ सामाजिक ढांचे को भी मजबूत करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार ‘स्पीड’ को भारत की आकांक्षा और ‘स्केल’ को भारत की ताकत मानती है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ पहले की सरकारों को लगता था कि गति एक विशिष्ट सुख और उच्च मानक एक जोखिम है, लेकिन हम सोच में बदलाव लेकर आए, हमें विश्वास है कि ‘स्पीड’ भारत की आकांक्षा और ‘स्केल’ उसकी ताकत है।’’

मोदी ने ‘स्टार्टअप’ के लिए भारत को दुनियाभर में मिली पहचान का श्रेय बेंगलुरु को देते हुए कहा, ‘‘ भारत को विश्व में ‘स्टार्टअप’ के लिए पहचाना जाता है और इसमें बेंगलुरु की बड़ी भूमिका है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ बेंगलुरु स्टार्टअप की भावना का प्रतिनिधित्व करता है ।’’