बेंगलुरू : हिंदू शब्द की उत्पत्ति और इसके अर्थ के बारे में बयान देकर राजनीतिक विवाद का सामना कर रहे सतीश लक्ष्मणराव जारकीहोली एक तरह से अपने अधिकांश राजनीतिक साथियों से अलग हैं।

उन्होंने एक बार 'अशुभ' माने जाने वाले समय “राहु काल” के दौरान चुनाव नामांकन दाखिल किया था। साथ ही वह डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर कब्रिस्तान में रहने को लेकर भी चर्चा में रहे हैं।

यामकनमारडी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक सतीश को “साहूकार” नाम से भी पुकारा जाता है। वह अपने मन की बात कहने के लिए जाने जाते हैं। सतीश अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता हैं, और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बेलगावी जिले के चीनी कारोबारी हैं।

नायक/वाल्मीकि समुदाय से संबंध रखने वाले सतीश (60) राजनीतिक रूप से प्रभावशाली पांच जारकीहोली भाइयों में से हैं जिनका बेलगावी जिले में काफी दबदबा है। बेलागावी जिले में कट्टी, जोले और हुक्केरी जैसे अन्य राजनीतिक परिवारों का भी प्रभाव रहा है।

गोकक से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक और पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली भाइयों में सबसे बड़े हैं, उनके बाद सतीश हैं। इसके बाद अराभवी से भाजपा विधायक बालचंद्र जारकीहोली, भीमशी जारकीहोली और लखन जारकीहोली (निर्दलीय एमएलसी) हैं।

ये भाई आपस में ही राजनीतिक विरोधी रहे हैं।

अन्य भाइयों को थोड़ा धार्मिक कहा जाता है, लेकिन कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश ऐसे नहीं हैं।

एक ओर, जहां अधिकांश नेता नामांकन दाखिल करने के लिए ज्योतिष और शुभ दिन व समय की तलाश करते हैं। वहीं अंध-विश्वास विरोधी संगठन 'मानव बंधुत्व वेदिके' के संस्थापक सतीश ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कहा था, "मैं एक बुरे दिन पर नामांकन दाखिल करूंगा। उस समय को राहु काल माना जाता है।"

‘सतीश शुगर्स’ के संस्थापक अध्यक्ष सतीश को मृदुभाषी कहा जाता है। वह निर्वाचन क्षेत्र और उसके आसपास तथा सहकारी क्षेत्र में भी लोकप्रिय हैं। वह बी. आर. आंबेडकर की पुण्यतिथि के दौरान बेलगावी में कब्रिस्तान में रहने के लिए जाने जाते हैं।

वह एच.डी. कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री थे। इससे पहले वह सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली सरकार में लघु उद्योग और उत्पाद शुल्क विभागों के मंत्री थे।

साल 2006 में जब सिद्धरमैया ने जद(एस) छोड़ी तो कई मंत्री इस्तीफा देकर उनके साथ चले गए थे। सतीश जारकीहोली भी उनमें से एक थे।

साल 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद जब कांग्रेस ने सिद्धरमैया को मुख्यमंत्री बनाया तो आबकारी मंत्री सतीश ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। बताया जाता है कि वह उन्हें दिए गए विभाग से खुश नहीं थे।

साल 2021 में बेलागावी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्हें हार मिली। यह सीट निवर्तमान सांसद व केंद्रीय रेल राज्यमंत्री सुरेश अंगड़ी के निधन के बाद खाली हुई थी।

अंगड़ी की पत्नी मंगला सुरेश ने सतीश को 5,240 मतों से हरा दिया था।