लेह : केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख में आयोजित पहले हिमालयन फिल्म महोत्सव में लद्दाखी फिल्मकारों स्टेनज़िन टैंकोंग और स्टेनज़िन गुरमेत की फिल्मों ने पुरस्कार जीते। तीन लघु फिल्मों को पुरस्कृत किया गया।

इस बीच, लद्दाख के उपराज्यपाल आर के माथुर ने हिमालयी क्षेत्र की प्रतिभा को उजागर करने के लिए फिल्म महोत्सव को प्रतिवर्ष आयोजित करने की जोरदार वकालत की। पांच दिनी फिल्म महोत्सव का मंगलवार रात को लेह के सिंधु संस्कृति केन्द्र में समापन हुआ।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि लद्दाख के उपराज्यपाल ने समारोह में मुख्य अतिथि, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव अपूर्व चंद्रा और प्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने विशेष अतिथि के तौर पर शिरकत की ।

टैंकोंग की प्रशंसित फिल्म "सेकूल" ने सर्वश्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार जीता जबकि गुरमेत को "शैडी: ए फॉरगॉटन लैंड" के लिए सर्वश्रेष्ठ संपादन का पुरस्कार मिला। समापन समारोह में चार फिल्में प्रदर्शित की गयीं।

सर्वश्रेष्ठ तीन लघु फिल्मों का पुरस्कार "द टेंटेड मिरर" (मणिपुर), "गो फॉर ऑर्गेनिक" और "होमवर्क एंड गॉडलीनेस" को मिला, जिन्हें 3.5 लाख रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

समापन समारोह के दौरान अपने संबोधन में उपराज्यपाल माथुर ने महोत्सव की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इसे एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में जारी रखना चाहिए।

उपराज्यपाल ने स्थानीय फिल्म कलाकारों के बेहतर प्रशिक्षण को लेकर कहा कि प्रशासन लद्दाख में प्रशिक्षण के लिए भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई), पुणे के साथ गठजोड़ की दिशा में काम कर रहा है।

लेह में 24 सितंबर से 28 सितंबर तक चले इस फिल्म महोत्सव को हिमालयी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 100 प्रविष्टियां मिलीं। इस दौरान कुल 26 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया और जूरी द्वारा अनुशंसित 18 प्रविष्टि वाली फिल्मों को भी दिखाया गया।