सीमा पर चीन से तनातनी के बीच भारत सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिमाचल प्रदेश के दारचा से लद्दाख तक जाने वाली 290 किमी लंबी सड़क तेजी से बना रहा है। यह सड़क पहाड़ों में ऊंचाई वाले बर्फीले इलाकों से होकर कई दर्रों से भी गुजरेगी। सूत्रों के मुताबिक, इस सड़क के बनने से लद्दाख में अग्रिम मोर्चे तक भारी साजोसामान और सैनिकों को ले जाने में आसानी होगी।

साथ ही इस सड़क के बनने से रणनीतिक रूप से अहम कारगिल क्षेत्र भी जुड़ सकेगा। मनाली-लेह और श्रीनगर-लेह के बाद यह तीसरी सड़क होगी जो लद्दाख को जोडे़गी।

अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल से लद्दाख तक एक वैकल्पिक सड़क बनाने के लिए तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि इसे 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सटे दौलत बेग ओल्डी और डेपसांग जैसे मुख्य इलाकों तक सैनिकों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए कई सड़क परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाई जा रही है।


डेपसांग मैदान को लद्दाख से जोड़ने वाली सड़क बना रहा बीआरओ  सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) एक और रणनीतिक रूप से अहम सामरिक सड़क बना रहा है, जो लद्दाख को डेपसांग के मैदान से जोडे़गी। यह सड़क लद्दाख में सब सेक्टर नॉर्थ तक पहुंच भी आसान बनाएगी।

पैंगोंग झील के पास भी सड़क भारत पैंगोंग झील के पास फिंगर इलाके में भी सड़क बना रहा है। इसके अलावा दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड को जोड़ने वाली सड़क भी बनाने में जुटा है। पैंगोंग झील में फिंगर इलाके में बनाई सड़क भारतीय सेना के लिए काफी अहम है, क्योंकि इस इलाके में भारतीय पेट्रोलिंग करती रही है।