ग्वालियर (मप्र): उड्डयन विशेषज्ञ ग्वालियर हवाई अड्डे पर बृहस्पतिवार की रात मध्यप्रदेश सरकार के विमान की तकनीकी समस्या की वजह से कराई गई ‘क्रैश लैंडिंग’ की जांच करेंगे। शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

यह विमान कोविड-19 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर आ रहा था। .

यह विमान हादसा बृहस्पतिवार रात करीब साढ़े आठ बजे हुआ था और इस हादसे में विमान का पायलट, सह पायलट सहित तीन लोगों को मामूली चोटें आई हैं।



ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘यह विमान उतरते वक्त रनवे से फिसल गया था। इस विमान हादसे की जांच हवाईअड्डे के विशेषज्ञ करेंगे।’’

यह हवाईअड्डा महाराजपुर वायुसेना स्थित एक सैन्य हवाईअड्डा है, जिसका इस्तेमाल नागरिक विमानों के उड़ान के लिए भी किया जाता है। इस विमान क्षेत्र का संचालन भारतीय वायुसेना एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण करता है।

भारतीय वायुसेना के मध्य कमांन के प्रवक्ता शांतनु सिंह के अनुसार हादसे में इस विमान के पायलट, सह-पायलट एवं चालक दल के एक अन्य सदस्य को प्राथिमिक उपचार देने के बाद स्थानीय प्रशासन के पास भेज दिया गया है।

उन्होंने कहा कि विमान में लाये गये रेमडेसिविर इंजेक्शन के डिब्बे भी स्थानीय प्रशासन के हवाले कर दिये गये हैं।

इसी बीच, सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अनिल बनवारिया ने बताया कि राज्य सरकार का यह विमान इंदौर हवाईअड्डे से यहां आया था।

उन्होंने कहा, ‘‘इस हादसे में विमान का मुख्य पायलट एस मजीद, सह पायलट शिवशंकर जायसवाल एवं नायब तहसीलदार दिलीप द्विवेदी को मामूली चोटें आई हैं और शहर के एक अस्पताल में तीनों का उपचार किया जा रहा है।’’

बनवारिया ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन भी सुरक्षित हैं।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हादसे के वक्त इस विमान से 74 डिब्बों में रेमडेसिविर इंजेक्शन लाये जा रहे थे।

मध्य प्रदेश सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शनों की प्रदेश में चल रही कमी के चलते जल्द से जल्द कोविड-19 के मरीजों को यह इंजेक्शन मुहैया कराने के लिए इस विमान को सेवा में लगाया था।