जबलपुर (मप्र) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को स्वयंसेवकों के परिवारों से आह्वान किया कि वे स्वदेशी वस्तुओं का अधिकतम उपयोग करें और पश्चिमी परिवार प्रणाली से दूर रहे एवं सप्ताह में कम से कम एक बार अपने आसपास रहने वाले समाज के निचले तबके के लोगों के साथ बैठकर भोजन करें।

आरएसएस सरसंघचालक ने मध्यप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र के संघ स्वयंसेवकों के परिवार के सदस्यों को संबोधित करते हुए यह बयान दिया। इस कार्यक्रम में भाग लेने एक प्रतिभागी ने फोन पर पीटीआई-भाषा को यह जानकारी दी।

जबलपुर शहर के मध्य स्थित एमएल बाई स्कूल के मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम का प्रारंभ गौ पूजन, तुलसी पूजन, दीप प्रज्वलन और भारत माता को पुष्पांजली से हुआ।

संघ के पदाधिकारी ने कहा, ‘‘सरसंघचालक भागवत जी ने परिवारों से आग्रह किया कि वे प्रेम, भाईचारे एवं सद्भाव को और मजबूत करने के लिए सप्ताह में कम से कम एक बार साथ बैठकर भोजन करें। उन्होंने श्रोताओं से पुराने भारतीय संयुक्त परिवार के मूल्यों को आगे बढ़ाने और पश्चिमी परिवार प्रणाली की नकल करने से दूर रहने के लिए कहा।’’

उन्होंने बताया कि भागवत ने परिवारों से कहा, ‘‘वे अपने घर में काम करने वाले, अखबार लाने वाले, दूध लाने वाले, सफाई करने वाले आदि निचले तबके के लोगों के हालचाल की पूछताछ करें और सप्ताह में एक बार उनके साथ भोजन या नाश्ता करें। भागवत ने स्वयंसेवकों से अच्छे काम कर समाज के लिए रोल मॉडल बनने और जातिवाद को दूर करने के लिए काम करने को भी कहा।’’

संघ के पदाधिकारी के अनुसार संघ सदस्यों के परिवारों के साथ यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब आरएसएस विदेशी निर्मित वस्तुओं के उपयोग को हतोत्साहित करने और 2025 तक संघ के जनाधार को दोगुना करने के लिए देश के प्रत्येक घर तक पहुंचने के लिए प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि संगठन की योजना अपने शताब्दी समारोह को भव्य तरीके से मनाने की है।

चार दिन जबलपुर में रहने के बाद भागवत का सोमवार को नागपुर लौटने का कार्यक्रम है। वह पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की चार दिवसीय यात्रा के बाद यहां आए हैं।