नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने महाराष्ट्र में शिवसेना विवाद पर सुनवाई शुरू कर दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान बेंच सुनवाई कर रही है।



उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि स्पीकर न केवल विधानसभा में कार्य करता है, वह ट्रिब्यूनल भी होता है लेकिन अब ट्रिब्यूनल के रूप में उनका काम भी बंद हो गया है। इसलिए आप सरकार गिराएं, मुख्यमंत्री को शपथ दिलाएं और आपके पास अपना स्पीकर हो। सिब्बल की ओर से अभी दलीलें जारी हैं।



सिब्बल ने 13 दिसंबर, 2022 को कहा था कि मामले में नबाम रेबिया बनाम डिप्टी स्पीकर के केस में संविधान बेंच की ओर से 2016 में दिए गए फैसले पर विचार करने के लिए सात जजों की बेंच को रेफर करने की जरूरत है। नबाम रेबिया के केस में पांच जजों की बेंच ने फैसला सुनाया था कि स्पीकर को हटाने का प्रस्ताव लंबित होने पर वह अयोग्यता की कार्यवाही नहीं कर सकता है।

सिब्बल ने कहा था कि पांच जजों की बेंच को जिन मसलों को रेफर किया गया है, यह मुद्दा भी उनमें से एक है। तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि यह पांच जजों की बेंच को तय करना है कि मामले को सात जजों की बेंच को भेजा जाए और इस मुद्दे पर दलीलें रखी जा सकती हैं। दोनों पक्ष इस मुद्दे पर संक्षिप्त नोट प्रस्तुत करें।



इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 23 अगस्त, 2022 को शिवसेना का मामला 5 जजों की संविधान बेंच को सौंप दिया था। संविधान बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हीमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने 27 सितंबर, 2022 को उद्धव गुट की याचिका खारिज करते हुए पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर निर्वाचन आयोग की कार्रवाई रोकने से इनकार कर दिया था।