हिन्दी सिनेमा के सफल अभिनेता फ़ारूक़ शेख को रंगमंच से भी बहुत लगाव था। उनकी मित्र शबाना आजमी भी रंगमंच में बेहद सक्रिय थीं। शबाना आजमी के पिता कैफ़ी आजमी तरक्की पसंद तहरीक और भारतीय जन नाट्य संघ के पुरोधाओं में एक थे। फारुक शेख और शबाना आजमी मुम्बई में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान मित्र बने। दोनों के रुझान एक से थे। यही कारण है कि दोनों ने हिन्दी सिनेमा में कलात्मक फिल्मों में अभिनय के माध्यम से अपनी पहचान बनाई। 

 

फारुक शेख और शबाना आजमी ने "तुम्हारी अमृता" नामक नाटक में एक साथ काम किया और यह नाटक रंगमंच की दुनिया का ऐतिहासिक नाटक बना। इस नाटक की परिकल्पना और मंचन से बेहद खूबसूरत कहानी जुड़ी है। 

 

नाटककार फ़िरोज़ अब्बास खान, ने एक अंग्रेज़ी नाटक पढ़ा, जिससे वह बेहद मुतासिर हुए। उनके मन में यह ख्याल आया कि अगर इस अंग्रेज़ी नाटक का हिंदुस्तानी ज़बान में तर्जुमा कर दिया जाए तो, यह नाटक और ज़्यादा दिलचस्प हो सकता है। इसमें उनकी मदद की फिल्म निर्देशक एम. एस सथ्यु ने। सथ्यु लगातार रंगमंच से जुड़े हुए थे। सथ्यु ने फ़िरोज़ अब्बास खान की मुलाक़ात मशहूर उर्दू लेखक जावेद सिद्दीक़ी से कराई। जावेद सिद्दीक़ी ने अंग्रेज़ी नाटक का हिंदुस्तानी तर्जुमा किया। तर्जुमा बेहद शानदार हुआ था।नाटक का नाम रखा गया " तुम्हारी अमृता"।