पटना:  बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि महागठबंधन शीघ्र ही कृषि कानून के खिलाफ सप्ताह भर का एक आंदोलन शुरू करेगा जिसका समापन 30 जनवरी को मानव श्रृंखला के साथ होगा।

बिहार के विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व कर रही राजद के विधायकों की एक बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसान जागरुकता सप्ताह 24 जनवरी (बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जयंती) को शुरू होगा।

तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘महागठबंधन के पांच दलों के सभी नेता केंद्र की उस कृषि नीति के विरोध में आंदोलन करेंगे जो किसानों को भिखारियों की स्थिति में ला देगी।’’ उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का समापन मानव श्रृंखला के साथ 30 जनवरी (महात्मा गांधी की पुण्यतिथि) को होगा।

तेजस्वी यादव ने घोषणा की कि यह आंदोलन केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार के साथ-साथ राज्य में नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ भी होगा क्योंकि प्रदेश सरकार ने 2006 में ही एपीएमसी खत्म कर दिया था।

यादव ने आरोप लगाया कि संसद के भीतर कृषि विधेयक के पक्ष में मुख्यमंत्री की पार्टी जदयू ने मतदान किया लेकिन अब इस दल के नेता बयानबाजी करके जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार बिहार विधानसभा के बजट सत्र को एक साजिश के तहत (कोविड-19 संक्रमण के मद्देनजर) छोटा कर रही थी लेकिन जब हम लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो सरकार को झुकना पड़ा और यह सत्र अब करीब 22 दिनों का होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमलोगों ने कहा था कि अगर बजट सत्र छोटा होगा तो मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेंगे।’’ तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, चाहे वह कानून व्यवस्था का मामला हो, बेरोजगारी हो, किसानों, मजदूरों और संविदाकर्मियों का मामला हो।

राजद नेता ने हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी राजद को गलत तरीके से हराने का अपना आरोप दोहराते हुए कहा, ‘‘सरकार जो चोर दरवाजे से आयी है, अपने स्वार्थ की पूर्ति में लगी है क्योंकि यह लोग सत्ता के लोभी हैं।’’ उन्होंने कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि ‘‘बिहार के मुख्यमंत्री थके हुए हैं, उनसे बिहार संभल नहीं रहा है।’’