अमृतसर : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अमृतसर से छह बार सांसद रहे रघुनंदन लाल भाटिया का बीमारी के कारण निधन हो गया है। वह 100 वर्ष के थे।

भाटिया के परिवार के सदस्यों ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार रात को यहां एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया। उनके परिवार में बेटा रमेश भाटिया, बेटी सरोज मुंजाल और छोटे भाई जे एल भाटिया हैं।

रघुनंदन अमृतसर संसदीय सीट से सबसे पहले 1972 में लोकसभा सांसद बने थे और इसके बाद इसी सीट से 1980, 1985, 1992, 1996 और 1999 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते।

रघुनंदन भाटिया 2004 से 2008 तक केरल के राज्यपाल भी रहे। वह 2008 से 2009 तक बिहार के राज्यपाल भी रहे। उन्होंने 1992 में विदेश राज्यमंत्री के तौर पर भी काम किया।

कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य के तौर पर वह पार्टी में पंजाब इकाई के अध्यक्ष तथा महासचिव समेत विभिन्न पदों पर रहे।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रघुनंदन भाटिया के निधन पर शोक जताया है।

मुख्यमंत्री सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘रघुनंदन भाटिया जी के निधन से दुखी हूं। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’’

पंजाब कांग्रेस के नेता और विधायक राज कुमार वेरका ने शोक जताते हुए कहा कि भाटिया भारतीय राजनीति के ‘भीष्म पितामह’ थे।

दुर्गियाना मंदिर के शिवपुरी विद्युत शवदाहगृह में शाम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ भाटिया का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

परिजनों के साथ विभिन्न दलों के नेताओं ने भाटिया को श्रद्धांजलि दी।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी रघुनंदन भाटिया के निधन पर शोक जताया है।

खान ने शोक जताते हुए कहा कि भाटिया जी के आचरण और उनकी कुशलता ने उन्हें सार्वजनिक जीवन में सबका ‘‘रोल मॉडल’’ बना दिया।

विजयन ने केरल में भाटिया के राज्यपाल के कार्यकाल को याद किया और कहा कि वह बेहतरीन सांसद थे।