धुबरी (असम)/सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद हिंसा के दौरान ‘‘रक्तपात’’ को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘‘चुप्पी’’ साध ली।

धनखड़ ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार प्रभावित परिवरों का पुनर्वास कर और उन्हें मदद देकर हालात बिगड़ने से रोक सकती थी।

धनखड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य में रक्तपात और नरसंहार हुआ। मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि मामले में जांच जारी है लेकिन मुख्यमंत्री की चुप्पी मेरे लिए चिंता का कारण है।’’

धनखड़ ने असम के धुबरी जिले में आए पश्चिम बंगाल के कूच बिहार के कई परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने रनपगली कैंप का दौरा किया। राज्यपाल ने वृहस्पतिवार को कूच बिहार में हिंसा प्रभावित कुछ गांवों का दौरा किया था।

धनखड़ ने कहा, ‘‘प्रशासन से मदद नहीं मिलने की आशंका के कारण ये लोग घर छोड़कर यहां आए। मेरे लिए और सरकार के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति नहीं हो सकती कि लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए दूसरे राज्य में शरण ली।’’

शिविर में रह रहे लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने दो मई को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से बंगाल में अपने घर छोड़ दिए हैं।

राज्यपाल ने आरोप लगाया कि बनर्जी ने अपने चुनावी प्रचार अभियान में अपने समर्थकों खासकर महिलाओं को केंद्रीय सुरक्षा बलों का विरोध करने के लिए उकसाया।

धनखड़ ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को इस तरह का शब्द शोभा नहीं देता। मेरे लिए यह बहुत पीड़ादायक है कि एक मुख्यमंत्री ने यह सब किया। यह कानून के शासन के खिलाफ है।’’

राज्यपाल ने कहा कि चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव हुए लेकिन सबसे ज्यादा हिंसा बंगाल में हुई और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

धनखड़ ने कहा, ‘‘लोग घर छोड़कर दूसरे राज्यों में तब पनाह लेते हैं जब उनमें असुरक्षा का भाव आता है और उन्हें लगता है कि उन्हें सुरक्षा नहीं मिल पाएगी। ’’

धनखड़ ने धुबरी में शरण लेने वाले लोगों की देखभाल के लिए असम सरकार का शुक्रिया अदा किया।

उत्तर बंगाल में कूच बिहार से भाजपा सांसद नीतीश प्रमाणिक के साथ धनखड़ ने असम के धुबरी जिले में शिविर का दौरा किया। राज्यपाल सड़क मार्ग से कूच बिहार से असम के धुबरी पहुंचे क्योंकि खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका।

राज्यपाल के दौरे के दौरान भाजपा सांसद प्रमाणिक की मौजूदगी को लेकर सवाल भी उठे हैं।

हालांकि, धनखड़ ने कहा कि सांसद किसी खास पार्टी के नहीं होते बल्कि वह समूचे निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इससे पहले बृहस्पतिवार को राज्यपाल को सीतलकूची में काले झंडे दिखाए गए जहां चार ग्रामीण चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की गोलीबारी में मारे गए थे। वहीं जिले के दिनहाटा में धनखड़ के दौरे के वक्त लोगों ने ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए गए।

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शुखेंदु शेखर रॉय ने कहा, ‘‘नौ मई के बाद से राज्य में जब शांति कायम है तो वह (धनखड़) अशांति पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं।’’

तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि धनखड़ दिल्ली के अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे में काम कर रहे हैं।