अजमेर, 12 अप्रैल(हि.स.)। अजमेर रेलवे स्टेशन पर बालश्रम के लिए 17 बच्चों को गुजरात लेकर जाते दलाल गिरफ्तार किया है। बच्चों में से 7 बच्चे नाबालिग हैं। जीआरपी ने बच्चों को बाल कल्याण सीमित के सुर्पुद किया है।

उत्तर पश्चिम रेलवे के सीआईबी मुख्यालय से रेलवे सुरक्षा बल उपनिरीक्षक चंचल शेखावत को सूचना मिली कि सवारी गाड़ी संख्या 20938 पोरबंदर एक्स्प्रेस ट्रेन के आगे से दूसरे जनरल कोच संख्या 074678 में कुछ बच्चे संदिग्ध और डरे हुए थे। ट्रेन के अजमेर पहुंचने पर रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने चैक किया तो कोच में एक व्यक्ति 17 बच्चों के साथ मिला। इस व्यक्ति ने अपना नाम बृजेश कुमार पुत्र रामसेवक पुलिस थाना रामपुर मथुरा, उत्तर प्रदेश होना बताया।

जांच में 17 बच्चों में से 7 बच्चे नाबालिग मिले। पूछताछ करने पर बृजेश ने बताया कि इन बच्चों और युवाओं को फाल्कन धागा कंपनी सायर राजकोट गुजरात में काम करने के लिए ले जा रहा था। आरपीएफ ने इन 7 नाबालिग बच्चों को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया है। साथ ही बृजेश कुमार को गिरफ्तार कर जीआरपी अजमेर थाने के सुपुर्द किया गया है।

मजबूरी का फायदा उठाकर बनाया मजदूर

नाबालिग बच्चे गरीब परिवारों से हैं। बच्चों को प्रतिदिन 410 व 510 रुपए मजदूरी मिलने का लालच दिया गया था। एक बच्चे ने बताया कि उनके परिजनों को भरोसा दिलाया गया था कि तीनों टाइम बढ़िया पेटभर भोजन मिलेगा। रहने की अच्छी व्यवस्था रहेगी और अच्छी मजदूरी मिलेगी। एक कमरे में रहकर केवल दिन में 6 घंटे काम करना होगा। परिवारिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण विश्वास करके उस व्यक्ति के साथ भेजा था। इसके बाद बृजेश के हाथों सौंप दिया। सफर में भी खाने- पीने को कुछ नहीं दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ईश्वर