केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में 20वें अखिल भारतीय रूपक महोत्सव का शुभारंभ

Inauguration of 20th All India Rupak Mahotsav


जयपुर, 6 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में "20वें अखिल भारतीय रूपक महोत्सव" का शुभारंभ बुधवार को हुआ। इसमें संस्कृत भाषा में चार दिन तक लगभग 15 राज्यों के कलाकार अपनी नाट्य प्रस्तुति देंगे। समारोह के मुख्य अतिथि पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसफ रहे।

मुख्य अतिथि पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बचपन से ही संस्कृत भाषा को रेडियो वार्ता पर सुनकर आश्चर्य होता था और यहां आकर सभी को आपस में संस्कृत में वार्तालाप करते सुना। भारतीय संस्कृति और संस्कार का अद्भुत अनुभव संस्कृत भाषा करवाती है। रूपक महोत्सव जयपुर में आयोजित हो रहा है। राजस्थान की धरती अपनी ऐतिहासिक धरोहर के लिए विश्वविख्यात है। आप सभी जयपुर की संस्कृति और सभ्यता से जरूर रूबरू होकर जाये। संस्कृत की गरिमा और अनुशासन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा का अन्य भाषाओं के साथ जुड़ाव है। मैं केरल प्रदेश से हूं, हमारी मलयालम भाषा संस्कृत से मिलती है। आज हम सभी को संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करना चाहिए।

उत्तम व्यवहार के उत्तम परिणाम और अधम व्यवहार के अधम उदाहरण प्रस्तुत करके नाटक समाज को नीति का पाठ पढ़ाता है। विरूपाक्ष, पुरुरवा, इन्द्र, लक्ष्मी, ऊर्वशी, मेनका आदि के रोचक उदाहरणों से सभा को आनन्दित किया।

रूपक महोत्सव में संस्कृत के अतिरिक्त प्राकृत, तमिल, राजस्थानी, डोगरी, कन्नड़ तमिल, मलयालम आदि भाषा में नाट्यशास्त्र अनुसन्धान केन्द्र, भोपाल परिसर द्वारा पूर्वरङ्ग प्रस्तुति से नूतन सभागार में नाटकों का शुभारंभ हुआ। नाटक के अभीष्ट देवता नटराज का आह्वान करके नाटक का विधिवत् शुभारंभ किया जाता है। इसके बाद कालीकट आदर्श संस्कृत विद्यापीठ बालूसरी, केरल परिसर के छात्र-छात्रों द्वारा भगवदज्जुकीयम् नाटक का मंचन किया गया। यह बोधायनाचार्य द्वारा लिखित संस्कृत साहित्य का प्रसिद्ध प्रहसन है। कालियाचक विक्रम किशोर आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल के छात्रों द्वारा लटकमेलकम् नाटक का मंचन किया गया। यह प्रहसन महाकवि शंखधर द्वारा रचित सबसे प्रसिद्ध हास्य रूपक है। बारहवीं शताब्दी का यह रूपक उस समय के समाज के प्रत्यक्ष स्वरूप पर प्रकाश डालता है। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, रणवीर परिसर जम्मू द्वारा महाकवि वत्सराज प्रणीत हास्यचूड़ामणि नामक रूपक की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में 15 राज्यों के 600 छात्र-छात्राएं शामिल हुए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर