दुबई : जिंबाब्वे के पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक को बुधवार को सभी तरह के क्रिकेट से आठ साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की भ्रष्टाचार रोधी संहिता उल्लंघन के पांच आरोपों को स्वीकार किया है जिसमें अंदरूनी जानकारी का खुलासा करना और भ्रष्ट संपर्क में मदद करना शामिल है।

जिंबाब्वे के सबसे शानदार तेज गेंदबाजों में से एक रहे स्ट्रीक के खिलाफ 2017 और 2018 के दौरान के कई मैचों को लेकर जांच चल रही है जब उन्होंने कोच की भूमिका निभाई थी।

आईसीसी की इंटीग्रिटी इकाई के महाप्रबंधक एलेक्स मार्शल ने क्रिकेट की वैश्विक संचालन संस्था के बयान में कहा, ‘‘हीथ स्ट्रीक अनुभवी पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और राष्ट्रीय टीम के कोच रहे, जिन्होंने कई भ्रष्टाचार रोधी शिक्षा सत्र में हिस्सा लिया और वह संहिता के अंतर्गत अपनी जिम्मेदारी से पूरी तरह अवगत थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व कप्तान और कोच के नाते, उनके पास विश्वास वाला पता था और उनकी जिम्मेदारी थी कि खेल की अखंडता को बरकरार रखें। उन्होंने कई मौकों पर संहिता का उल्लंघन किया जिसके चार अन्य खिलाड़ियों के साथ संपर्क में मदद करना भी शामिल है। उन्होंने इस दौरान जांच में बाधा पहुंचाने और इसके विलंब करने का भी प्रयास किया।’’

अन्य आरोपों में आईसीसी संहिता और विभिन्न घरेलू संहिताओं के तहत अंदरूनी जानकारी का खुलासा करना भी शामिल है जहां उन्हें पता था या पता होना चाहिए था कि सूचना का इस्तेमाल सट्टेबाजी के लिए किया जा सकता था।

इन मैचों में कुछ अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के अलावा इंडियन प्रीमियर लीग, बांग्लादेश प्रीमियर लीग और अफगानिस्तान प्रीमियर लीग सहित विभिन्न टी20 लीग में उनके कार्यकाल के दौरान के मुकाबले भी शामिल हैं।

संहिता के नियमों के अनुसार स्ट्रीक ने आरोपों को स्वीकार करने का फैसला किया और भ्रष्टाचार रोधी पंचाट की सुनवाई की जगह आईसीसी के साथ सजा स्वीकार करने में सहमति जताई। वह 28 मार्च 2029 से दोबारा क्रिकेट से जुड़ पाएंगे।

टेस्ट और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जिंबाब्वे के सबसे सफल गेंदबाज स्ट्रीक 2018 की शुरुआत तक राष्ट्रीय टीम के कोच रहे लेकिन 2019 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप के लिए टीम के क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

वह 2018 में आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स के गेंदबाजी कोच भी रहे।