वेल्लोर (तमिलनाडु) : तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने रविवार को यहां कहा कि ‘पंच आर्य’ और ‘पंच द्रविड़’ के रूप में पहचाने जाने वाले विंध्य के उत्तर और दक्षिण के भौगोलिक क्षेत्रों को शरारतपूर्ण ढंग से विकृत किया गया ताकि देश की एकता को कमजोर करने के लिये लोगों के बीच नस्ली विभाजन पैदा किया जा सके। उन्होंने इसके लिए पूर्ववर्ती ब्रितानी शासकों को जिम्मेदार ठहराया।

रवि ने आईएनए (आजाद हिंद फौज) के पूर्व सदस्यों, सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके परिवारों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने देश को व्यवस्थित तरीके से ‘‘बर्बाद’’ किया और लोगों को कई काल्पनिक रेखाओं के बीच विभाजित करने की कोशिश की।

उन्होंने कहा कि ‘पंच आर्य’ और ‘पंच द्रविड़’ के रूप में जाने जाने वाले विंध्य के उत्तर और दक्षिण के भौगोलिक क्षेत्रों को लोगों के बीच नस्ली विभाजन पैदा करने के मकसद से विकृत करने की शरारत की गई, ताकि देश की एकता कमजोर किया जा सके।

राजभवन की एक विज्ञप्ति में राव के हवाले से कहा गया कि द्रविड़र शब्द वर्तमान महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल सहित क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करता था और अंग्रेजों ने भारत छोड़ते समय न केवल देश का विभाजन किया, बल्कि ‘‘लगभग 600 स्वतंत्र देशों’’ को इसके भीतर छोड़ दिया। राज्यपाल ने कृत्रिम और कुटिल विभाजनों को दूर कर देश को एक करने के लिए सरदार पटेल को धन्यवाद दिया।

रवि ने यहां ‘वेल्लोर सिपाही विद्रोह स्मारक स्तंभ’ पर माल्यार्पण किया और ‘अंग्रेजों के खिलाफ वेल्लोर सिपाही विद्रोह दिवस’ के उपलक्ष्य में बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।

राज्यपाल ने भारत की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदानों पर प्रकाश डालते हुए तमिल में अपना भाषण शुरू किया। तमिल भाषा के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करते हुए रवि ने कहा कि एक दिन वह ‘‘अच्छी तमिल बोल पाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि वेल्लोर विद्रोह स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों के खिलाफ एक युद्ध था और इसने एक राष्ट्रव्यापी स्वतंत्रता संग्राम के लिए मंच तैयार किया, जिससे देश को अंतत: आजादी मिली।