उपेक्षाओं के चलते बदहाली का शिकार हो रही आल्हा की बैठक

Alha's meeting is falling into disrepair due to neglect


महोबा, 06 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड का यह जिला अपनी ऐतिहासिक विरासत और धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। यहां चंदेल कालीन समय में बनी ऐतिहासिक धरोहरें आज भी बुंदेलों की वीरता और गौरवशाली इतिहास की गवाही दे रही है। उपेक्षाओं के चलते आल्हा की बैठक बारादरी बदहाली का शिकार हो रही है।



उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की वीर भूमि के नाम से प्रसिद्ध यह जनपद अपनी प्राचीन इमारतों और धरोहरों के लिए जाना जाता है। चंदेल कालीन द्वारा बनाई गई ऐतिहासिक धरोहरें अपनी अनोखी वास्तु कला के लिए जानी जाती है। जनपद मुख्यालय के बिलबई चुंगी के पास स्थित आल्हा की बैठक (बारादरी) अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते बदहाली का शिकार हो रही है। और अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। जिस पहाड़ी पर यह स्थित है वहां खनन माफियाओं के द्वारा खनन कर लाल मोरम निकाली जा रही है। जिसको लेकर प्रशासन अनभिज्ञ बना रहता है।



जनपद मुख्यालय निवासी बिहारी लाल,जय पाल,जय नारायण सेन, कामता प्रजापति समेत अन्य लोगों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा आल्हा की बैठक के नाम से बोर्ड लगाया गया है, लेकिन देखभाल के अभाव में आल्हा की बैठक के चारों ओर गंदगी फैल रही है। खनन माफिया पहाड़ी पर लगातार अवैध खनन करवा रहे हैं। लोगों ने जांच करा कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि बारादरी के चारों ओर कटीली झाड़ियां उग आई है। जिला प्रशासन से मांग है कि इसकी सुरक्षा, साफ-सफाई, साथ ही संरक्षण के लिए पहल कर ऐतिहासिक धरोहर को बचाया जाय।



हिन्दुस्थान समाचार/उपेंद्र/राजेश