महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद को दारुल उलूम जाने से पुलिस ने रोका

mahamandaleshwar yati stopped from going to darul uloom


मेरठ, 06 मार्च (हि.स.)। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने बुधवार को गाजियाबाद के डासना से सहारनपुर के दारुल उलूम देवबंद जाने के लिए कूच किया, लेकिन उन्हें मेरठ के परतापुर में पुलिस ने रोक लिया। थाने में कुछ देर रखने के बाद पुलिस उन्हें वापस डासना मंदिर छोड़कर आ गई।



गाजियाबाद जिले के सिद्ध पीठ देवी मंदिर डासना के पीठाधीश्वर व जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने दारुल उलूम देवबंद जाने की घोषणा की थी। वे दारुल उलूम के मौलाना से से गजवा-ए-हिन्द को लेकर सवाल करने जा रहे थे। बुधवार को डासना से चलकर जब वे परतापुर थाना क्षेत्र में दिल्ली रोड पर पहुंचे तो परतापुर पुलिस ने उनकी पूरी टीम को हिरासत में ले लिया। महामंडलेश्वर ने इस तरह रोके जाने पर पुलिस से नाराजगी जाहिर की। इसके बाद महामंडलेश्वर और उनकी टीम के साधुओं को परतापुर थाने ले जाया गया।



उन्होंने पुलिस से कहा कि गजवा-ए-हिंद को मौलाना इस्लामिक कह रहे हैं। मैं वही उनके पास समझने जा रहा था। मगर उन कट्टरपंथी मौलानाओं के शिष्यों ने इंटरनेट मीडिया पर गलत बातें पोस्ट कर दी। इससे पुलिस को लगा कि मेरे वहां जाने से माहौल खराब होगा। थाने में पुलिस ने महामंडलेश्वर और उनकी टीम की आवभगत की। थाने में महामंडलेश्वर ने कहा कि मैं लोकतांत्रिक तरीके से मौलाना से मिलने जा रहा था, लेकिन मुझे अलोकतांत्रिक तरीके से रोका गया। मैं सामान्य रूप से गजवा-ए-हिन्द का अर्थ समझने जा रहा था। इस्लाम पर बात करने से मौलाना घबरा जाते हैं। इस्लाम पर बातचीत में ऐसा क्या है, जिसे मौलाना छिपाना चाहते हैं। डेढ़ घंटे बाद पूरी टीम को थाने में रखने के बाद पुलिस उन्हें वापस डासना मंदिर छोड़कर आ गई।

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह के अनुसार, महामंडलेश्वर को परतापुर थाने में रोका गया था। पुलिस उनके काफिले को डासना मंदिर पहुंचाकर आ गई है। वहां पर महामंडलेश्वर को तीन दिन के लिए नजरबंद किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/पदुम नारायण