शिव साधक स्वामी शिवशंकर चैतन्य भारती महाराज को दी गई गंगा में जलसमाधि,पीएम मोदी ने जताया शोक

Jalsamadhi given to Shiva devotee Swami Shivs


वाराणसी ,08 अप्रैल (हि.स.)। श्री काशी विश्वनाथ दरबार के अनन्य भक्त शिव साधक स्वामी शिवशंकर चैतन्य भारती महाराज (108) के निधन से शिवभक्त और संत भी शोकाकुल है। शिवशंकर चैतन्य भारती महाराज ने रविवार शाम लक्सा स्थित रामकृष्ण मिशन अस्पताल में अंतिम सांस ली। देर शाम ही उन्हें मोक्षतीर्थ मणिकर्णिकाघाट के सामने गंगा नदी के मध्य धारा में जलसमाधि दी गई।

स्वामी शिवशंकर चैतन्य भारती महाराज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शोक जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार देर शाम अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर लिखा भगवान विश्वनाथ के परम भक्त संत श्री शिवशंकर चैतन्य भारती जी के महाप्रयाण का दुःखद समाचार काशी से प्राप्त हुआ। वो मंगला आरती में बाबा विश्वनाथ की सेवा में अनवरत उपस्थित होते थे। उनका प्रयाण काशी की संत परंपरा के लिए एक बड़ी क्षति है। संत श्री भारती जी महाराज के शिव स्वरूप में विलीन होने पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। ॐ शान्ति !



प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि काशी के पूज्य संत व मनीषी, श्रद्धेय स्वामी श्री शिवशंकर चैतन्य भारती जी महाराज का गोलोकगमन संत समाज और आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति एवं अथाह दुःख का क्षण है। उनके ब्रह्मलीन होने से एक युग का अंत हुआ है। मेरी ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि दिव्यात्मा को अपने परमधाम में स्थान और उनके शिष्यों व अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!

गौरतलब हो कि श्री काशी विश्वनाथ दरबार के परम भक्त, स्वामी शिवशंकर चैतन्य भारती को उनके अनुयायी भगवान विश्वनाथ के चलते-फिरते स्वरुप के रूप में मानते थे। मंदिर में उनकी उपस्थिति को देख हर—हर महादेव का नारा लगाते थे।



हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/बृजनंदन