वाराणसी, 23 अप्रैल (हि.स.)। हनुमान घाट स्थित बड़े हनुमान मंदिर पर मंगलवार को नमामि गंगे के सदस्यों ने प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त, वीरता व त्याग के पर्याय संकटमोचन महाबली हनुमान का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया।

सदस्यों ने राजेश शुक्ला के संयोजन में सुख समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण की कामना से हनुमान जी की आरती उतारी। उन्हें लड्डू, तुलसी की माला, माला-फूल, सिंदूर अर्पित कर समस्त कष्ट हरने की कामना की गई। जय हनुमान ज्ञान गुणसागर, जय कपिश तिहुं लोक उजागर .. श्री हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ करके आरोग्य भारत और गंगा निर्मलीकरण की कामना भी की गई। हनुमान घाट पर गंगा की सफाई की गई । पर्यावरण संरक्षण का संदेश देकर गंदगी न फैलाने के लिए लोगों को जागरूक किया गया।

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि श्री हनुमान प्रकृति और जीवन के प्राणतत्व हैं। भगवान राम के जन्म के छह दिन बाद जन्मे थे भक्त हनुमान। तुलसीदास जी हनुमान चालीसा में लिखते हैं- ‘भीम रूप धरि असुर संहारे. रामचंद्रजी के काज संवारे’. इसका अर्थ है कि, राम जी सबके बिगड़े काम बनाते हैं, लेकिन उनके काम हनुमानजी बनाते हैं। यही कारण है कि प्रभु राम की सहायता करने के लिए हनुमान जी का जन्म रुद्र के 11वें अवतार के रूप हुआ। इस दौरान हनुमान घाट पर सुन्दर काण्ड के पाठ से चहुंओर भक्तिमय माहौल भी दिखा। कार्यक्रम में बीना गुप्ता, सूरज जायसवाल, आदर्श मिश्रा, पप्पू, सनोज यादव आदि ने भागीदारी की।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर