लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मंगलवार को कोरोना प्रबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर तीखा हमला बोला और सरकार से सवाल किया कि उसने कोविड-19 पर नियंत्रण पाने का झूठा ढिंढोरा क्यों पीटा?
पूर्व मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'उप्र में कोरोना से जो हाहाकार मचा है उसके लिए भाजपा सरकार को जवाब देना होगा कि उसने कोरोना पर नियंत्रण पाने का झूठा ढिंढोरा क्यों पीटा।'
उप्र में कोरोना से जो हाहाकार मचा है उसके लिए भाजपा सरकार को जवाब देना होगा कि उसने कोरोना पर नियंत्रण पाने का झूठा ढिंढोरा क्यों पीटा।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 13, 2021
टीका, टेस्ट, डॉक्टर, बेड, एंबुलेंस की कमी; टेस्ट रिपोर्ट में देरी व दवाई की कालाबाज़ारी पर भाजपा सरकार चुप क्यों है।
स्टार प्रचारक कहाँ हैं? pic.twitter.com/sVsmULM6g0
उन्होंने आगे लिखा, ' टीका, टेस्ट, डॉक्टर, बेड, एंबुलेंस की कमी, टेस्ट रिपोर्ट में देरी व दवाई की कालाबाजारी पर भाजपा सरकार चुप क्यों है। स्टार प्रचारक कहां हैं।'
एक अन्य ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा है, ' पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर रोक लगवाना दरअसल चुनाव हारती हुई भाजपा की हताशा का प्रतीक है। सपा ममता बनर्जी जी के धरने में सांकेतिक रूप से साथ है।' यादव ने आगे कहा, 'आशा है 'श्मशान-कब्रिस्तान' के धार्मिक बंटवारे के बयान देने वालों पर भी निष्पक्ष चुनाव आयोग कोई प्रतिबंध लगाएगा।’’
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी, उनके चुनाव प्रचार करने पर 24 घंटे के लिए पाबंदी लगाए जाने के निर्वाचन आयोग के ‘‘अंसवैधानिक’’ फैसले के विरोध में मंगलवार को कोलकाता शहर के बीचों-बीच धरने पर बैठ गईं।
पिछले महीने चोटिल होने के कारण बनर्जी व्हीलचेयर पर बैठकर पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 40 मिनट पर कोलकाता के मायो सड़क पहुंचीं और उन्होंने परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट बैठकर धरना शुरू किया।
आयोग ने बनर्जी के केंद्रीय बलों के खिलाफ बयानों और कथित धार्मिक प्रवृत्ति वाले एक बयान के कारण 24 घंटे तक उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है। इस फैसले की निंदा करते हुए बनर्जी ने कहा था कि वह आयोग के ‘‘असंवैधानिक एवं अलोकतांत्रिक फैसले’’ के खिलाफ मंगलवार को शहर में धरना देंगी।