देहरादून, 20 अप्रैल (हि.स.)। शैक्षणिक उत्कृष्टता और नवाचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध उच्च शिक्षा का अग्रणी संस्थान हिमगिरी जी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर जिज्ञासा विश्वविद्यालय कर दिया गया है। अब ये जिज्ञासा विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। यह नाम परिवर्तन संस्थान के विकास और जान की खोज में जिज्ञासा, आलोचनात्मक सोच और अन्वेषण को बढ़ावा देने के प्रति इसके अटूट समर्पण को दर्शाता है।

जांच की भावना का प्रतीक जिज्ञासा, जो स्थापना के बाद से विश्वविद्यालय के लोकाचार के केंद्र में रही है। शिक्षा के माध्यम से बेहतर भविष्य को आकार देने के लिए व्यक्तियों को सशक्त बनाने की दृष्टि से स्थापित जिज्ञासा विश्वविद्यालय एक नवीनीकृत पहचान को अपनाते हुए अपने संस्थापक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है, जो छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और हितधारकों के अपने विविध समुदाय के साथ प्रतिध्वनित होती है।

शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान प्रोफेसर डॉ. बीएस और जिज्ञासा विश्वविद्यालय के कुलपति नागेंद्र पाराशर ने कहा कि हम जिज्ञासा विश्वविद्यालय के रूप में इस नए अध्याय की शुरुआत कर रहे हैं। हम बौद्धिक जिज्ञासा, शैक्षणिक कठोरता और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं। असाधारण शिक्षा प्रदान करने और नेताओं की अगली पीढ़ी का पोषण करने की हमारी प्रतिबद्धता अटूट बनी हुई है। सभी शैक्षणिक कार्यक्रम, परिसर सुविधाएं और चल रही पहल बिना किसी रुकावट के जारी रहेंगी। नए नाम में परिवर्तन वर्तमान और भावी छात्रों, पूर्व छात्रों और भागीदारों के लिए निर्बाध होगा।

जिज्ञासा विश्वविद्यालय, जिसे पहले हिमगिरी जी विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था। अकादमिक उत्कृष्टता, अनुसंधान और सामुदायिक जुड़ाव के लिए प्रतिबद्ध उच्च शिक्षा का संस्थान है। विविध प्रकार के कार्यक्रमों और जीवंत शिक्षण वातावरण के साथ जिज्ञासा विश्वविद्यालय व्यक्तियों को उनकी पूरी क्षमता का एहसास करने और समाज में सार्थक योगदान देने का अधिकार देता है।



हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज