देहरादून (उत्तराखंड) बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाये जाने वाले विजयदशमी त्योहार के अवसर पर हर साल यहां रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण का पुतला दहन करने की परंपरा इस साल कोविड-19 महामारी के चलते टूट गई।


परेड ग्राउंड और बन्नू स्कूल, दोनों ही जगह इस बार पुतला दहन के कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाए, जिसके चलते इस बार यहां दशहरा का उत्साह फीका रहा।

राज्य सरकार ने परेड ग्राउंड में चल रहे विकास कार्यों के कारण वहां पुतला दहन की अनुमति नहीं दी। इसके अलावा, बन्नू स्कूल में भी कार्यक्रम में लोगों की मौजूदगी 50 व्यक्ति तक सीमित रखने के आदेश दिए गए थे। इस वजह से नाराज बन्नू बिरादरी समिति के लोगों ने कार्यक्रम का आयोजन ही रदद कर दिया।

हरिद्वार तथा प्रदेश में अन्य जगहों पर भी कोविड 19 के कारण पुतला दहन के कार्यक्रम नहीं आयोजित किए गए।

मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने इस मुददे पर देश और प्रदेश की भाजपा सरकारों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्होंने सनातनी परंपरा को तोड़कर जन भावनाओं को आहत किया है।

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा, ‘‘हिंदू धर्म का ठेका उठाने वाले लोगों के राज में इतिहास में पहली बार इस महान पर्व पर सनातनी परंपराएं तोड दी गयीं और इससे जनभावनाएं बुरी तरह आहत हुई हैं।'’